
जबलपुर से वरिष्ठ पत्रकार दिग्विजय सिंह
आज भास्कर\जबलपुर। भारत के कृषिमंत्री शिवराज के ससुराल गोंदिया की रहने वाली और पूर्व कृषिमंत्री गौरीशंकर बिसेन की बहू बालाघाट कृषि कॉलेज की सहायक प्राध्यापक धारणा रामकिशोर टेंभरे बिसेन की सेवा पुस्तिका गोंदिया में नहीं बनी है। अशासकीय सेवा मे कथित पांच वर्ष पूर्ण करने के पश्चात मध्य प्रदेश शासन की शासकीय सेवा में प्रतिनियुक्ति पाने वाली धारणा की सर्विस बुक के पन्ने पलट रहे हैं। गोयल प्रिंटिंग प्रेस करमचंद चौक जबलपुर से वर्ष 2017 में खरीदी धारणा की सर्विस बुक पर लोक सूचना अधिकारी के क्रमांक 240 /02 जनवरी 2024 को मिली सूचना के अनुसार लेखा नियंत्रक कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर ने पत्र 20.12.2023 और पत्र 24.11.2023 मे बताया है कि धारणा का वेतन अनुमोदन और सर्विस बुक का सत्यापन नहीं किया है।(पिछले 8 सालों से)।
सर्विस बुक का सत्यापन क्यों नहीं किया है, इसके बारे में सर्विस बुक की जानकारी आरटीआई से प्राप्त करने पर खुलासा हुआ है।
धारणा- शरद - नरेश बिसेन द्वारा तैयार कूटरचित सर्विस बुक के हर पन्ने पर कूट-कूट कर कूटरचित प्रविष्टियां भरी गई हैं ।
यह भी जानना जरूरी :-
सर्विस बुक के पेज क्रमांक 8 पर यह दर्ज है कि गोंदिया एजुकेशन सोसाइटी के नियुक्ति आदेश 10.09.2012 पर धरना ने 14 सितंबर 2012 को अशासकीय कॉलेज गोंदिया में पदभार संभाला है।यहां विधि और बैठक के सहायक कुलसचिव प्रशांत श्रीवास्तव ने कृषि विश्वविद्यालय में धारणा का प्रतिनियुक्ति प्रस्ताव 20.07. 2017 में गोंदिया में धारणा की नियुक्ति तिथि 10.09.2012 को ही पदभार ग्रहण की तिथि बता दिया है यह कूटरचना, प्रशांत श्रीवास्तव ने किया है।
सेवा पुस्तिका के पेज क्रमांक 8 मैं कृषि कॉलेज बालाघाट के पूर्व डीन विजय बहादुर उपाध्याय ने इस प्रविष्टि का सत्यापन किया है ।
खास बात यह है कि गोंदिया कॉलेज के प्राचार्य अनजान कुमार नायडू ने इस प्रविष्टि का सत्यापन नहीं किया है। इसलिए यह कूट प्रविष्टि मानी जा सकती है।
सेवा पुस्तिका के पेज क्रमांक 10 में पीएचडी अर्हता की प्रविष्टि पर सहायक संचालक उच्च शिक्षा नागपुर का सही दिया है, यहां सहायक संचालक नागपुर के सील , हस्ताक्षर और तारीख दर्ज नहीं है। इसीलिए यह प्रविष्टि भी कूट प्रविष्टि के अंतर्गत मानी जा सकती है।
इस गलती को भी पूर्व डीन विजय बहादुर उपाध्याय के हस्ताक्षर से सर्टिफाई किया है।
सेवा पुस्तिका के पेज 11 में धारणा ने रांची विश्वविद्यालय से 14.07.2014 से 18.07.2014 तक ओरियंटेशन कोर्स किया है, इसे भी विजय बहादुर उपाध्याय ने सत्यापित किया है, यह भी कूटरचना है।
अब आपको सेवा पुस्तिका के पेज 14 पर ले चलते हैं जहां लिखा है कि ग्रांट ऑफ लियन ,, यह लियन 18.08.2017 से 17.08.2017 तक का है।
यहां कूटरचना और मक्कारी को पकड़िए, पेज 14 पर कथित झूठी लियन की प्रविष्टि है, पेज नंबर 15 पर कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर का प्रतिनियुक्ति आदेश 16.08.2017 की एंट्री है।
क्या यह संभव है कि जो आदेश पहले निकला है वह पेज 15 पर लिखा जाए, और गोंदिया से 2 दिन बाद निकाला कथित लियन का आदेश सेवा पुस्तिका के पेज नंबर 14 पर लिखा जाए, क्या यह संभव है कि दो दिन बाद निकला आदेश पेज 14 पर पहले लिखा मिले,और 2 दिन पहले निकला आदेश पेज नंबर 15 पर बाद में आए,, यह दोनों प्रविष्टि जो कि अशासकीय घोटेबंधु साइंस कॉलेज गोंदिया से सत्यापित होना था, इन्हें कृषि कॉलेज बालाघाट के पूर्व डीन विजय बहादुर उपाध्याय ने सत्यापित किया है, अर्थात दाल में काला नहीं है, धारणा और शरद की पूरी दाल ही काली है।
सुधी पाठक गण यहां समझ ले की कृषि कॉलेज बालाघाट के वर्तमान डीन नरेश कुमार बिसेन 26.11.2024 को आरटीआई मे बताते हैं कि कृषि कॉलेज बालाघाट मे धारणा बिसेन के लियन संबंधी अभिलेख संधारित नहीं है, उपलब्ध नहीं है।
पर सेवा पुस्तिका कह रही है कि उसे प्रतिनियुक्ति आदेश 16.8.2017 निकलने के 2 दिन पूर्व ही लियन आदेश 18.08.2017 मिल चुका है।
झूठ पर झूठ, झूठ पर झूठ, झूठ पर झूठ सनी देओल का यह डायलॉग कृषि कॉलेज बालाघाट पर सटीक उतरता है।
अब किसे सही माने डीन एन के बिसेन की आरटीआई से प्राप्त नवीनतम सूचना 26.11.2024 को सही माने या सेवा पुस्तिका के पेज नंबर 14 और 15 की हेर फेर, कद आचरण, पद के दुरुपयोग और षड्यंत्र को सही माने,सेवा पुस्तिका मे कूटरचना की एक और बानगी देखिए, सेवा पुस्तिका का पेज नंबर 17 पर वर्तमान डीन एन के विसेन ने
सर्टिफाइड दैट सर्विसेज फॉर्म द सैलरी एंड एक्वायंटेंस रोल फॉर द पेरियर फॉर्म 01.04.2018 से 31.03.2019 पर हस्ताक्षर किए हैं।
सुधी पाठको को बता दिया जाए कि डीन एन के बिसेन ने जिस कालखंड वर्ष 2018- 19 का सत्यापन कर हस्ताक्षर किए हैं उस दौरान, एनके बिसेन डीन शासकीय राजा भोज कृषि कॉलेज मुरझाड़ फार्म तहसील वारासिवनी जिला बालाघाट में डीन के प्रभार मे नहीं थे।।
इसकी लिखित शिकायत 03. 04.2025 धारणा और शरद के संरक्षक प्रभारी वित्तनियंत्रक अजय खरे को दी है। शिकायत में धारण और शरद को 20 दिन में नोटिस देकर 60 दिन में जांच रिपोर्ट शिकायतकर्ता को उपलब्ध कराने की मांग की है।
जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के पश्चात प्रकरण को तथ्यों और प्रमाण के साथ न्यायालय में प्रस्तुत करना पड़ेगा। क्योंकि केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम, भाजापा के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा की सरपरस्ती में कृषि कॉलेज बालाघाट ,कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर और विधानसभा भोपाल में सत्ता की भागीदारी वाले अपराध को छुपाने के लगातार प्रयास किए गए हो तो प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत करने के पूर्व तैयारी तगड़ी करनी पड़ेगी।
क्रमशः -----------