अब आयुक्त नगर निगम के खिलाफ चलेगा हाईकोर्ट की अवमानना का मामला - Aajbhaskar

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Tuesday, February 25, 2025

अब आयुक्त नगर निगम के खिलाफ चलेगा हाईकोर्ट की अवमानना का मामला


आज भास्कर\जबलपुर। सोमवार दिनांक 24/02/2025 को हाईकोर्ट जबलपुर की युगल पीठ के न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ द्वारा अधिवक्ता मुकेश जैन द्वारा दायर अवमानना याचिका पर जबलपुर नगर पालिक निगम की आयुक्त प्रीती यादव को नोटिस जारी कर नोटिस का जबाव 4 सप्ताह के भीतर देने का निर्देश दिया। अवमानना याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता ने पैरवी की।

क्या है मामला

दरअसल 24 जून 2024 को हाईकोर्ट ने 80 फुट चौड़े सार्वजनिक रोड पर बिल्डर शंकर मंच्छानी द्वारा मुस्कान पार्क प्रोजक्ट में दुकानों का अवैध निर्माण करने की शिकायत का निराकरण करने के आयुक्त नगर निगम को निर्देश दिए थे। यह निराकरण 4 माह की अवधि में किया जाना था। उक्त शिकायत में आरोप लगाया गया था कि हाईकोर्ट चौराहे से दूसरे पुल के बीच निर्माणाधीन मुस्कान पार्क के सामने 80 फुट रोड के हिस्से में अवैध रूप से दुकान, फ्रंट एमओएस, पार्किंग व गार्डन पेराफिट का निर्माण कर सार्वजनिक रोड को संकरा करने और जन सामान्य के आवागमन में बाधा डाली जा रही है। जनहित याचिका में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता ने न्यायालय को बताया था कि हाईकोर्ट से सेकेण्ड ब्रिज वाले मार्ग पर स्वामी दयानंद सरस्वती वार्ड, नेपियर टाउन जबलपुर स्थित नजूल भूमि पर मुस्कान पार्क का निर्माण शंकरलाल मंच्छानी द्वारा किया जा रहा है। नगर तथा ग्राम निवेश विभाग और आयुक्त नगर पालिका निगम जबलपुर द्वारा उक्त भूमि पर दी गई विकास अनुज्ञा और भवन अनुज्ञा के नक्शे में भवन के सामने स्थित रोड को 80 फुट चौडा दिखाया गया है। उक्त व्यस्ततम सड़क के मध्य से 40 फुट रोड के क्षेत्र में से मुस्कान पार्क की दिशा की ओर स्थित करीब 25 वे फुट से बिल्डर शंकर मंच्छानी के द्वारा अवैध रूप से फर्श (फ्लोर) का निर्माण शुरू किया जो कि 50 वे फुट रोड क्षेत्र तक हुआ है।


इस प्रकार बिल्डर द्वारा रोड के उक्त हिस्से पर कब्जा कर उसे बिना अनुमति के अपने भवन के फ्रन्ट एमओएस हिस्से के रूप में प्रदर्शित किया गया है और फ्रन्ट एमओएस के लिए विहित 40 फुट लंबाई वाली वास्तविक जगह में से आधी से अधिक लंबाई पर (जो कि करीब 20 फुट के आसपास बैठता है), उसे खाली छोड़ने के स्थान पर उस पर दुकानों का अवैध निर्माण कर उसे उन्हें नगर निगम की अनुमति के बिना चालू भी कर दिया गया है। उक्त अवैध निर्माण के कारण सार्वजनिक रोड के मध्य से भवन की दूरी 80 फुट से करीब 30 फुट घटकर 50 फुट ही रह गई है। इसके फलस्वरूप मार्ग आंशिक रूप से सकरा होने से पहले की तुलना में आवागमन अपेक्षाकृत कठिन हो गया गया है। रोड के सकरा होने से और मुस्कान पार्क में कामर्शियल दुकानों के अवैध निर्माण के कारण आगे चलकर जब वाहनों की संख्या में वृद्धि होगी तो आवागमन में बाधा और ज्यादा बढ़ेगी।


 साथ ही पार्किंग की समस्या भी पैदा होगी। इसलिए इन अवैध निर्मित दुकानों और व्यावसायिक आफिसों को ध्वस्त कर वहां फ्रंट ओपन स्पेश का निर्माण किया जाना आवश्यक है। इस कारण युगलपीठ ने नगर निगम आयुक्त को मुकेश जैन द्वारा की गई शिकायत का 4 माह में स्पीकिंग आदेश से निराकरण करने का आदेश दिया था परन्तु नगर निगम आयुक्त द्वारा आदेश का पालन नहीं किया गया।


 हाईकोर्ट के पारित आदेश का पालन न होने के कारण पहले इस मामले में विविध सिविल याचिका दायर की गई थी। किन्तु आदेश की अवमानना किए जाने के दृष्टिगत न्यायालय द्वारा प्रकरण की विविध सिविल प्रकृति को बदलकर अवमानना की श्रेणी में रखते हुए रजिस्ट्री को निर्देश दिया था कि इस एम.सी.सी. को अवमानना मामले के रूप में पंजीकृत किया जाकर अवमानना याचिका को सूचीबद्ध किया जाए।