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Thursday, May 15, 2025

संघ की साख को कर रहे बदनाम, घोटाले के तार लम्बे फेले, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम भी शामिल


जबलपुर से वरिष्ठ पत्रकार दिग्विजय सिंह, की रिपोर्ट

Highlights: 
  • संघ की साख को कर रहे बदनाम
  • घोटाले के तार लम्बे फेले
  • पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम भी शामिल
  • सदन मे उठे सवाल, कारवाही नहीं हुई

आज भास्कर\जबलपुर। अशासकीय से शासकीय सेवा में अंतरप्रांतीय प्रतिनियुक्ति पर विधानसभा मैं उठे ध्यानाकर्षण प्रस्ताव 57 (पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के भ्रष्टाचार को उजागर करने का वादा किया था,) प्राप्त जानकारी पर दोनों नेताओं को विधिसम्मत निर्णय लेना था। विधानसभा सचिवालय भोपाल का पत्र कहता है कि विषयंकित संलग्न *ध्यान* *आकर्षण* *सूचना* *पर* *निर्णय* *हेतु* इसके संबंध में वस्तु स्थिति की जानकारी की आवश्यकता है,। यह विधानसभा सचिवालय भोपाल से सचिव मध्य प्रदेश शासन किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग भोपाल को भेजें पत्र क्रमांक 1460 9, जिसका पंजीकरण नंबर 840104 और पंजीयन दिनांक 12. 09.2022 है।

पत्र का विषय है कि :-

  • यह विधानसभा प्रश्न मेवाराम जाटव सदस्य विधानसभा का ध्यान आकर्षण सूचना क्रमांक 57 पर विभागीय जानकारी के अंतर्गत है।
  • विधानसभा ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 57 , दिनांक 7 सितंबर 2022 को प्रश्न रखा गया , मूलतः प्रश्न 9 अगस्त 2022 को विधानसभा के रिकार्ड पर आया है।
  • कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के कुलसचिव के पास यह सूचना क्रमांक 57 दिनांक 15 सितंबर 2022 को रिसीव हुआ है।
  • मुख्य प्रश्न यह उठाया गया कि धारणा बिसेन को जूलॉजी में स्नातकोत्तर होने के आधार पर सहायक प्राध्यापक कीटशास्त्र बना दिया गया। जिससे कि नियम विरुद्ध नियुक्ति की जाने से उत्पन्न स्थिति के संबंध में सवाल उठाया है।
  • अतः उत्तर शीघ्र उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। (सुधी पाठक इस बात पर विचार करेंगे कि सवाल क्या है और कुलगुरु डॉ पी के मिश्रा ने जवाब क्या तैयार किया है)

विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम थे, और उनके मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान थे, इन दोनों को विधानसभा में प्रस्तुत जवाब के आधार पर नियम विरुद्ध नियुक्ति पर अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने का निर्णय लेना था पर धारणा भी गोंदिया की मूल निवासी है, धारणा के जिठोत ससुर पूर्व कृषिमंत्री गौरीशंकर बिसेन की ससुराल गोंदिया में है, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ससुराल भी गोंदिया की है इसीलिए कुलगुरु पी के मिश्रा को कथित मौखिक मार्गदर्शन भेजकर जवाब बनवाया गया। चूंकि कुलगुरु डॉक्टर प्रमोद कुमार मिश्रा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा के ससुर हैं, इसीलिए सब कुछ अंडरस्टुड है। अर्थात विधानसभा में कैसा जवाब प्रस्तुत किया जाना है इसको लेकर सभी निश्चिंत थे, कि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे। यह सब भाजपा के प्रशिक्षण का ही एक हिस्सा है।

विधानसभा के प्रश्न 57 मैं जो जवाब घुमा फिरा कर सहायक कुलसचिव विधि प्रशांत श्रीवास्तव ने तैयार किया कि, सवाल और जवाब दोनों ठंडे हो गए। तो विधानसभा को तो ठंडा हो ना ही था। लेकिन आगे गौर करिए विधानसभा में किस दिनांक को को जवाब प्रस्तुत किया गया इसकी कोई तारीख भेजे गए जवाब पर अंकित नहीं हैपर जानकारी बड़ी जोरदार है। सबसे पहले कुलगुरु ने कुलसचिव के माध्यम से अशासकीय डी बी साइंस कॉलेज गोंडा के प्राचार्य अनजान कुमार नायडू को पत्र 241 दिनांक 14. 3.2023 लिखा।


पत्र का अंतिम पेराग्राफ कहता है कि वांछानुसार आपका महाविद्यालय शासन द्वारा संचालित है अथवा शासन के अंतर्गत स्वायत्त संस्था है अथवा पूर्णतः निजी संस्था द्वारा संचालित है

के संबंध में वस्तु स्थिति अभिलेख सहित स्पष्ट करें अर्थात जबलपुर भेजें।

प्राचार्य झूठे बंधु साइंस कॉलेज गोंदिया ने स्पष्ट रुप से 21.03 .2023 को यह जानकारी भेजी कि डीबी साइंस कॉलेज , निजी संस्था द्वारा संचालित अशासकीय कॉलेज है। (पत्र के अनुसार गोंदिया एजुकेशन सोसाइटी, महाराष्ट्र के फॉर्म एंड रजिस्टार कार्यालय मैं पंजीकृत संस्था है।)

इस पत्र को विधानसभा मैं भेजें जवाब के साथ संलग्न परिशिष्ट क्रमांक 12 और 13 के अंतर्गत भेजा है।

इसके साथ ही विधानसभा भेजे जवाब के अंतिम पेराग्राफ की अंतिम लाइन में संलग्न परिशिष्ट 14 मे अधिष्ठाता शासकीय कृषि कॉलेज बारासिवनी जिला बालाघाट को पत्र क्रमांक 417/9 मई 2023 भेज कर धारणा बिसेन की सर्विस बुक उपलब्ध कराने को कहा है। (सर्विस बुक महाराष्ट्र के अशासकीय कॉलेज की या बालाघाट के शासकिया कॉलेज की यह स्पष्ट नहीं किया है।)


अब आगे ज्यादा विस्तार में नहीं जाते हुए यह स्पष्ट कर दें कि 25 फरवरी 2025 को आरटीआई आवेदन क्रमांक 120 अधिनियम की धारा 6 (1) के अंतर्गत प्रस्तुत की गई,। जिसमें पत्र 417- 418/दिनांक 09.05.2023 के छह बिंदु विधानसभा के पटल पर कब रखे गए हैं कि प्रतिलिपि मांगी थी। यह जानकारी नहीं मिली है। प्रथम अपील अधिकारी के समक्ष यह भी मांग रखी थी कि पत्र के बिंदु क्रमांक चार के अंतर्गत डीबी साइंस कॉलेज गोंदिया में, धारणा द्वारा सहायक प्राध्यापक जूलोजी के पद पर किया गया आवेदनपत्र अथवा भरा गया आवेदनपत्र की प्रतिलिपि विधानसभा में प्रस्तुत करने के अनुसार प्रदान की जाए।

धारा 6 (1 ) के आवेदन के अंत में स्पष्ट प्रार्थना है कि :-* अतः विधानसभा के *पटल रखे गए उपरोक्त बिंदुओं एक से छह के शासकीय अभिलेख देने की कृपा करें

प्रथम अपील अधिकारी की सुनवाई के पश्चात भी लोक सूचना अधिकारी कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर ने पत्र दिनांक 09. 05. 2023 के अनुसार विधानसभा के पटल पर रखे छह अभिलेख प्रदान नहीं किए हैं। खासतौर पर गोंदिया में सहायक प्राध्यापक जूलॉजी के पद पर किया गया धारणा का आवेदनपत्र आज तक कृषि कॉलेज बालाघाट और कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के रिकार्ड में नहीं है। लेखक का व्यक्तिगत मानना है कि भारत सरकार को संघ की आड़ लेकर विश्वविद्यालय में बड़े-बड़े खेल करने वाले कुलगुरु डॉक्टर प्रमोद कुमार मिश्रा से अच्छा राजनयिक ढूंढे से नहीं मिलेगा।प्रमोद कुमार मिश्रा को कम से कम पाकिस्तान का राजनयिक बनाकर तो भेजा जा सकता है।


जिसने वर्तमान केंद्रीय कृषिमंत्री, लंबा राजनैतिक अनुभव रखने वाले शिवराज सिंह चौहान को फंसा दिया है। Rss की खास पसंद में शामिल रहे रीवा चुरहट से विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम भी पूरे मामले में प्रमंडल की 221वीं बैठक में हस्ताक्षर करने के बाद गले तक फंसे हैं । विधानसभा के पटल पर भी मामला दबाने के मामले में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम पूरी तरह से फंसे हैं। गिरीश गौतम,जब विधानसभा सचिवालय भोपाल से कृषि सचिव भोपाल को भेजे पत्र 09.09.2022 में लेख है कि विषयांतर्गत संलग्न सूचना 57 पर निर्णय हेतु वस्तुस्थिति की जानकारी की आवश्यकता है।


कुल गुरु डॉक्टर प्रमोद कुमार मिश्रा के मार्गदर्शन में बनाए गए विधानसभा के जवाब में पूरी तरह से पूर्वमंत्री गौरीशंकर बिसेन की बहू धारणा बिसेन को बचाने के लिए व्यूह रचना रची गई।
 

परंतु आरटीआई से प्राप्त समस्त शासकीय अभिलेख साफ-साफ बता रहे हैं कि यह एक राजनैतिक, सुविचारीत, सुनियोजित, सरकार स्तर का सुसंगठित षड्यंत्र के जरिए ( प्रतिनियुक्ति के सादे कागज़ पर आवेदन 19. 10.2016 मे महाराष्ट्र शासन मे पदस्थ होने का लेख और पारिवारिक निजीहित में पति शरद बिसेन के पास पदस्थ करने का लेख करते हुए।) तब से लेकर अब तक चतुराई से कदाचरण , करते हुए झूठी जानकारी को सत्य के रूप में प्रस्तुत करने का काम केंद्रीय कृषिमंत्री शिवराज सिंह के मार्गदर्शन, समर्थन और प्रवर्तन से तीनों पूर्व कुलपति डॉ विजय सिंह तोमर डॉक्टर प्रदीप कुमार विशेष और डॉक्टर प्रमोद कुमार मिश्रा ने किया है। तीनों कुलपति ने अपने अधीनस्थ स्टॉफ से प्रशासनिक परिषद की 166 वीं बैठक और प्रमंडल की221वीं बैठक मे कराया है।


मध्य प्रदेश विधानसभा के अवर सचिव भोपाल का यह पत्र 09.09. 2022 क्रमांक 1460 /9


विधानसभा के अंदर उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार की कहानी कह रहा है। यह देश का दुर्लभ से दुर्लभतम प्रकृति का मामला है। ऐसे कई भ्रष्टाचार के मामले होंगे जिनमें औपचारिक रुप से प्राप्त जवाब के आधार पर विधानसभा में दाखिल दफ्तर करके भ्रष्ट लोगों को बचा लिया जाता है।


किसी भी समस्या और शिकायत को लोकतंत्र में उठाने और निराकरण के लिए विधानसभा आम जनता का सबसे अंतिम लोकतांत्रिक हथियार है। विधानसभा मे भ्रष्ट आचरण का पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम का यह एक नमूना है। ऐसे कई नमूने नस्तीबद्ध हो चुके होंगे। जिन पर कोई संज्ञान लेने वाला नहीं है।


अगले अंक की प्रतीक्षा करिए।