नकली संघी बन, संघ को कर रहे बदनाम , प्रदेश की भाजपा सरकार मामले को दबाने कर रही प्रयास - Aajbhaskar

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Thursday, May 1, 2025

नकली संघी बन, संघ को कर रहे बदनाम , प्रदेश की भाजपा सरकार मामले को दबाने कर रही प्रयास


जबलपुर से वरिष्ठ पत्रकार दिग्विजय सिंह की रिपोर्ट

आज भास्कर\जबलपुर। मुख्यमंत्री मोहन यादव, जवाहरलाल नेहरु कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर में पिछले 20 वर्षों से सगे रक्तसंबंधियों को शासकीय सेवा और विविध परियोजनाओं मैं नियुक्ति, नौकरी का लाभ देने की अपराधिक परंपरा पर संज्ञान लें या ना ले पर उनको इसकी जानकारी होनी चाहिए, इसी बात पर कृषि विश्वविद्यालय मैं पिछले 20 वर्षों से पक रही भाजपा के भ्रष्टाचार की हांडी को समर्पित है या 31वाँ अंक।

पहले सुधी पाठकों को यह स्पष्ट करना जरुरी है कि 30 वें अंक में तोताराम शर्मा, एमके हरदहा, प्रशांत श्रीवास्तव नंबर वन और प्रशांत श्रीवास्तव नंबर दो के बारे में खबर दी थी।

विश्वविद्यालय के कतिपय लोगों को यह आपत्ति है कि तोताराम शर्मा का नाम क्यों घसीटा, उसका कारण है कि यह अपने आपको भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष बीडी शर्मा का खासमखास बताता है, विश्वविद्यालय का नारदमुनि अर्थात खबरची है, एक की चार लगाकर दूसरों को बताना इसकी आदत में है, अधिकारियों की गुडबुक्स में आने के लिए खासतौर पर कुलगुरु डॉक्टर प्रमोद कुमार शर्मा की गोदी में बैठने के लिए या दिन भर की फुटकर फुटकर खबरों को घी मे तलकर और चटपटा मसालेदार बनाकर कुलगुरु प्रमोद कुमार मिश्रा को पेश करता है। इसे पत्रकार ने तब पकड़ा जब तोताराम शर्मा पत्रकार के पीछे पीछे घूमने लगे और प्राइवेट सुरक्षा गार्ड के लोगों को पत्रकार से लड़ने के लिए लगा दिया, कि किसी भी प्रकार से पत्रकार पर fir दर्ज करा दी जाए और पत्रकार का कृषि विश्वविद्यालय आना बंद कर दिया जाए। जिसे कि इसका rti आवेदन लगाना बंद किया जा सके।


इसी योजना में कथिततौर पर DSW अमित शर्मा, प्रशांत श्रीवास्तव और पीछे से कुलगुरु डॉक्टर प्रमोद कुमार मिश्रा का नाम चर्चा में है।


तोताराम शर्मा और एम के हरदहा यह दोनों उप कुलसचिव अशासकीय सेवा से शासकीय सेवा में अंतरप्रांतीय प्रतिनियुक्ति 16. 08.2017 पाने वाली धारणा रामकिशोर टेंभरे बिसेन की फाइल को नीचे से ऊपर तक चलाने वालों में सबसे अग्रणी रहे हैं। इसीलिए इनके पेट में सबसे ज्यादा दर्द है।


इस पत्रकार ने तोताराम शर्मा को तब संज्ञान में लिया जब यह इस पत्रकार के पीछे पीछे घूमने लगा और कहां जाता है, क्यों जाता है किसके पास बैठता है ,क्या बात करता है यह पत्रकार के जाने के बाद पूछताछ करता है । और शाम को पूरी रिपोर्ट कुलगुरु डॉक्टर प्रमोद कुमार मिश्रा को देता है।
 

यह विश्वविद्यालय की घटिया राजनीति का परिचायक है, इन सभी ने अपने आपको संघ के स्वयंसेवक के रूप में प्रचारित प्रसारित कर रखा है।


बुरे दिनों में यह भले ही संघ के साथ नहीं रहे हो, लेकिन इस समय तो पुरजोर ताकत से संघी बने हुए हैं, और बहुत मजे से भ्रष्ट आचरण का हलवा पुरी उड़ा रहे हैं।


रक्तसंबंधियों को कृषि विश्वविद्यालय की शासकीय सेवा का लाभ देने में जिन लोगों का नाम शामिल है, उनमें पूर्व डीन एग्रीकल्चर कॉलेज और पूर्व डीन एग्रिकल्चर इंजीनियरिंग आरके नेमा के बेटे रचित नेमा, तोताराम शर्मा की बेटी, कथित एसोसिएट प्रोफ़ेसर आरएन श्रीवास्तव के बेटे, पूर्व कुलपति विजय सिंह तोमर की बेटी - दामाद, केवीके कटनी के कथित रिश्तेदार तोमर, पूर्व कुलपति बालाघाट निवासी डॉ प्रदीप कुमार बिसेन का बेटा शरद , रिश्तेदार उत्तम बिसेन, बहू धारणा बिसेन, वर्तमान कुलगुरु डॉक्टर प्रमोद कुमार मिश्रा की बेटी स्तुति मिश्रा और भी कई अन्य नाम हो सकते हैं, जिन्हें सत्ता से जुड़े रहने का फायदा शासकीय नौकरी के रूप में मिला है, और अब धारणा की कलई खुलने के बाद धीरे धीरे इन सबका भी नंबर आएगा यह देश काल परिस्थितियों पर निर्भर है ।


इस मामले में कानूनी विवेचना और भारतीय न्याय संहिता क्या कहती है बाद में चर्चा करेंगे। मगर यह तय है कि पत्रकार दिग्विजय सिंह राशि विश्वविद्यालय आना नहीं छोड़ेंगे और सत्तापक्ष के सपोर्ट से भ्रष्टाचार करने वाली गैंग का मुकाबला अपने स्तर पर करते रहेंगे।


अगले अंक 32 वें में उन लोगों के नाम पढ़िए जिन अधिकारियों ने 166 वीं प्रशासनिक परिषद 21 07 2017 और 221वीं प्रमंडल की बैठक 11 04 2018 मैं दस्तखत कर अशासकीय सहायक प्राध्यापक को शासकीय सहायक प्राध्यापक बनाकर अंतरप्रांतीय प्रतिनियुक्ति दी है, धारणा के ससुर पूर्व कुलगुरु डॉ प्रदीप कुमार बिसेन के दोनों महत्वपूर्ण बैठक को में हस्ताक्षर मौजूद हैं।


क्रमशः..........