आज भास्कर, उमरिया। मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बीते तीन दिनों के दौरान 10 हाथियों की मौत हो गई। इन मौतों की वजह मल्टीपल ऑर्गन डैमेज बताई गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हाथियों के पेट में बड़ी मात्रा में कोदो (एक प्रकार का अनाज) पाया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि कोदो में फंगस लगने से बना माइकोटॉक्सिन जानवरों के लिए जहरीला साबित हुआ।
वन विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी परिक्षेत्र में कोदो की फसल नष्ट करने के आदेश जारी किए हैं। इस काम के लिए दो दिन की समय सीमा तय की गई है। प्रभावित किसानों को मुआवजे की भी घोषणा की गई है। इस जांच में वन्य जीव विशेषज्ञों के साथ ही राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए), वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल (डब्ल्यूसीसी), और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीमों को शामिल किया गया है।
हाथियों के बिसरा सैंपल सागर, जबलपुर, और उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित प्रयोगशालाओं में भेजे गए हैं। इसके अलावा देहरादून और हैदराबाद के विशेषज्ञों से भी संपर्क किया जा रहा है। अब तक करीब 250 से अधिक सैंपल, जिनमें कोदो की फसल, मिट्टी, और हाथियों के मल के नमूने शामिल हैं, इकट्ठा किए गए हैं।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर पीके वर्मा ने बताया कि गांव वालों से बातचीत के बाद प्राथमिक रूप से कोदो को जिम्मेदार माना जा रहा है। जांच में पता चला कि फसल को एक महीने पहले काटा जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। खराब हो चुकी इस फसल को खाने की वजह से हाथियों की मौत की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, किसी साजिश की संभावना को भी खारिज नहीं किया जा रहा और इसकी जांच की जा रही है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार वन्य जीवों की सुरक्षा में पूरी तरह विफल रही है। सिंघार ने यह भी कहा कि हिंदू धर्म में हाथियों को गणेश जी के रूप में देखा जाता है, और सरकार उनकी रक्षा करने में नाकाम रही है। उन्होंने वन मंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे केवल वोट मांगने में व्यस्त हैं, जबकि वन्य जीवों की देखभाल का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा।
उन्होंने आदिवासियों के साथ संवाद और हाथियों के विस्थापन को लेकर भी सरकार की आलोचना की और कहा कि वन समिति और स्थानीय लोगों को उनके अधिकार मिलने चाहिए।