प्लाज्मा-आधारित तकनीकों से युवाओं को परिचित कराना है आज की आवश्यकताः सांसद श्री आशीष दुबे - Aajbhaskar

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Tuesday, November 19, 2024

प्लाज्मा-आधारित तकनीकों से युवाओं को परिचित कराना है आज की आवश्यकताः सांसद श्री आशीष दुबे




रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के एकात्म भवन में चार दिवसीय प्लाज्मा प्रदर्शनी का शुभारंभ

आज भास्कर,जबलपुर 18 नवम्बर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में आउटरीच डिविजन प्लाज्मा अनुसंधान संस्थान, गुजरात के तत्वावधान में पहली राज्य स्तरीय प्लाज्मा प्रदर्शनी का आयोजन 18 से 21 नवम्बर तक किया जा रहा है। प्लाज्मा प्रदर्शनी का शुभारंभ सोमवार को विश्वविद्यालय के पं. कुंजीलाल दुबे प्रेक्षागृह में जबलपुर लोकसभा सांसद श्री आशीष दुबे के मुख्य आतिथ्य में किया गया। इस मौके पर सांसद श्री दुबे ने राष्ट्र की प्रगति में वैज्ञानिक प्रगति की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने युवाओं के बीच शोध-संचालित वातावरण और उच्च शिक्षा स्तर पर शोध एवं विकास के लिए पर्याप्त संसाधनों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज इस बात की आवश्यकता है कि युवा मन में विज्ञान के प्रति गहरी रुचि पैदा करना और उन्हें प्लाज्मा-आधारित तकनीकों से परिचित कराना है।

उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए माननीय कुलगुरू प्रो. राजेश कुमार वर्मा ने कहा कि संस्कारधानी के युवा छात्रों के लिए ये सुनहरा अवसर है। विश्वविद्यालय के एकात्म भवन में आयोजित प्रदर्शनी में प्लाज्मा पद्धति के उपयोगी तथ्यों का वैज्ञानिक एवं तकनीकी पहलुओं पर आधारित दैनिक एवं रुचिकर जानकारी सेे अवगत कराने के लिए प्लाज्मा अनुसंधान संस्थान, गांधी नगर, गुजरात के वैज्ञानिकगण अपने बहुमूल्य उपकरणों के साथ स्वयं यहां मौजूद हैं। माननीय कुलगुरु प्रो. वर्मा में सभी स्कूल एवं काॅलेजों के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को इसका लाभ लेने की अपील की। रादुविवि कार्यपरिषद सदस्य श्री चंद्रशेखर पटेल ने कहा कि प्लाज्मा तकनीक भविष्य में मानव कल्याण की दिशा में काफी उपयोगी सिद्ध होने वाली है। इस मौके पर प्रभारी

कुलसचिव डाॅ. (श्रीमती) संतोष जाटव, मुख्य संयोजक प्रो. राकेश बाजपेयी एवं सह समन्वयक डाॅ. राजेन्द्र कुमार दुबे, प्रो जे एम केलर, डॉ. गजेन्द्र सिंह, प्रो. रवि कटारे, डॉ. रामकुमार गुप्ता, डॉ अमरेन्द्र पाल, डॉ. प्रणव सिंह, डॉ. अजय सिंह, प्रो. गिरीश वर्मा, प्रो. राजेन्द्र कुमार कुररिया, प्रो. कमल कुमार कुशवाहा, डॉ. आर. एस चंडोक, डॉ. देवेन्द्र कुमार पांडेय, डॉ. रिकेश भट्ट, डॉ. पल्लवी शुक्ला आदि की उपस्थिति रही।

एकात्म भवन में प्लाज्मा प्रदर्शनी अवलोकनार्थ प्रारंभ-

आयोजन मुख्य संयोजक प्रो. राकेश बाजपेयी एवं सह समन्वयक डाॅ. राजेन्द्र कुमार दुबे ने बताया कि विश्वविद्यालय के एकात्म भवन में सम्मानीय अतिथियों द्वारा प्लाज्मा प्रदर्शनी सभी के अवलोकनार्थ प्रारंभ की गई। प्लाज्मा अनुसंधान संस्थान, गांधी नगर, गुजरात की वैज्ञानिक डॉ. रंजना गंगराडे (सांइटीफिक आफिसर एच) ने बताया कि प्लाज्मा तकनीक ने अपनी बहुमुखी प्रतिभा के कारण मानव गतिविधि के लगभग हर पहलू को छुआ है। प्लाज्मा तकनीक का उपयोग पॉलिमर, नैनो-कण या नैनो-छिद्रित संरचनाओं, कपड़ा सतहों और नक्काशी आदि के संश्लेषण, प्रसंस्करण, उपचार और जमाव के लिए किया गया है। इसके अलावा, यह एक स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल तकनीक है जो गीले-रासायनिक प्रक्रियाओं के विपरीत, अपशिष्ट को कम करती है। हालाँकि, बड़े पैमाने पर औद्योगिक उत्पादन के लिए, स्केल-अप की व्यवहार्यता और आर्थिक पहलुओं दोनों पर उचित विचार किया जाना चाहिए।

नगर के विद्यार्थियों को दिया प्रशिक्षण-

इस प्रदर्शनी का उद्देश्य जबलपुर के विभिन्न स्कूलों के छात्रों और शिक्षकों को प्लाज्मा के बहुआयामी पहलुओं और इसके अनुप्रयोगों के बारे में शिक्षित करना है। इसमें प्लाज्मा प्रौद्योगिकी में नवीनतम प्रगति को प्रदर्शित किया गया है, जो प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा और अन्य क्षेत्रों में नवाचार में योगदान देता है। मुख्य संयोजक प्रो. राकेश बाजपेयी ने बताया कि प्लाज्मा अनुसंधान संस्थान, गांधी नगर, गुजरात के वैज्ञानिकों ने प्रदर्शनी के अलावा, विज्ञान विद्यार्थियों को प्लाज्मा तकनीक पर आधारित प्रदर्शित वर्किंग माॅडल का प्रशिक्षण दिया गया; अब यही प्रशिक्षित वालेंटियर विभिन्न संस्थानों के विद्यार्थियों शिक्षकों को प्लाज्मा के माॅडल्स की प्रभावी ढंग से जानकारी प्रदान कर रहे हैं। इस मौके पर प्लाज्मा अनुसंधान संस्थान, गांधी नगर, गुजरात के वैज्ञानिक

श्री चेतन जरीवाला (सांइटीफिक आफिसर जी), श्री मनु बाजपेई (सांइटीफिक आफिसर जी), श्री हर्षा मछर (सांइटीफिक आफिसर एफ) एवं श्री राहुल लाड (सांइटीफिक आफिसर ई) विशेष रूप से मौजूद रहे। इस अवसर पर आयोजन समिति के डॉ. गजेन्द्र सिंह, प्रो. रवि कटारे, डॉ. रामकुमार गुप्ता, डॉ अमरेन्द्र पाल, डॉ. प्रणव सिंह, डॉ. अजय सिंह, प्रो. गिरीश वर्मा, प्रो. राजेन्द्र कुमार कुररिया, प्रो. कमल कुमार कुशवाहा, डॉ. आर. एस चंडोक, डॉ. देवेन्द्र कुमार पांडेय, डॉ. रिंकेश भट्ट, डॉ. पल्लवी शुक्ला आदि की उपस्थिति रही।