पुलिस द्वारा इस घटना के तुरंत बाद अपराध दर्ज कर जांच शुरू की गई। थाना बरेला में अप. क्रमांक 543/2021 के तहत धारा 450, 302, 201, 34 भादवि. एवं एससी/एसटी एक्ट की धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया।
जांच के दौरान तत्कालीन उप पुलिस अधीक्षक सुषील सिंह चौहान ने इस मामले की गहन विवेचना की। पुलिस अधीक्षक जबलपुर के मार्गदर्शन में विशेष अभियोजन दल ने आरोपियों के खिलाफ मजबूत सबूत पेश किए।
अभियोजन पक्ष ने जिला लोक अभियोजन अधिकारी अजय जैन के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक नविता पिल्ले के माध्यम से अदालत में सफलतापूर्वक पैरवी की। अदालत ने समस्त गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों को दोषी ठहराया और उन्हें सख्त सजा दी।
अदालत ने संजू उर्फ संजय श्रीपाल (34) को धारा 450 के तहत 7 वर्ष कारावास और 1000 रुपये का जुर्माना, धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और 1000 रुपये का जुर्माना, तथा एससी/एसटी एक्ट के तहत भी आजीवन कारावास और 1000 रुपये का जुर्माना लगाया। इसी प्रकार, अन्य तीन आरोपियों राजा कोल (23), देवी उर्फ दुर्गेष ठाकुर और मालती झारिया को भी समान सजा सुनाई गई।