आज भास्कर, इंदौर। एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा मेडिकल स्टूडेंट से 30 लाख रुपए की मांग पर इंदौर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कॉलेज को छात्र के ओरिजिनल डॉक्यूमेंट बिना किसी शुल्क के लौटाने और एनओसी जारी करने के निर्देश दिए हैं।
मेडिकल स्टूडेंट प्रभात कुमार, जिसने 2022 में पीडियाट्रिक (एमडी) कोर्स के लिए एडमिशन लिया था, ने रैगिंग से परेशान होकर अपनी सीट छोड़ दी थी। जब उसने अपने डॉक्यूमेंट वापस मांगे, तो कॉलेज प्रबंधन ने पेनाल्टी के रूप में 30 लाख रुपए की मांग की।
छात्र ने इस पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने कॉलेज को 20 सितंबर से पहले बिना पैसे लिए छात्र के डॉक्यूमेंट लौटाने और एनओसी जारी करने के निर्देश दिए हैं ताकि वह आगामी प्री-पीजी काउंसिलिंग में हिस्सा ले सके।
कोर्ट को यह भी बताया गया कि केवल एमजीएम मेडिकल कॉलेज में ही इतनी भारी पेनाल्टी वसूली जा रही है, जबकि अन्य राज्यों में यह राशि केवल 2-3 लाख तक सीमित है।
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित को इससे पहले भी कोर्ट से कई बार फटकार लग चुकी है, लेकिन वसूली का यह रवैया अब तक जारी है।