ब्राउनी को स्टेट साइबर सेल ने तीन भारतीय साथियों के साथ 2018 में गिरफ्तार किया था। इन पर आरोप था कि इन्होंने शादी डॉट कॉम के जरिए जबलपुर की एक महिला से 16.26 लाख रुपए की ठगी की थी। हालांकि, कोर्ट ने पाया कि इस मामले में ब्राउनी की जितनी संलिप्तता थी, उसकी वह सजा पूरी कर चुका था, और उसे बरी कर दिया।
जबलपुर कोर्ट में 6 साल तक चले केस के बाद, पंचम सत्र अपर न्यायाधीश ने जुलाई 2024 में ब्राउनी को दोषमुक्त कर दिया। कोर्ट ने कहा कि साइबर सेल के पास ब्राउनी के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
कोर्ट से बरी होने के बाद ब्राउनी को वीजा की वैधता खत्म होने की वजह से पुलिस ने अपनी निगरानी में रखा था। ढाई महीने तक जबलपुर सिविल लाइन थाने में रहने के बाद, एमपी पुलिस ने उसे नाइजीरिया भेजने की तैयारी की।
ब्राउनी को उसके देश तक पहुंचाने के लिए पुलिस को लगभग डेढ़ लाख रुपए खर्च करने पड़े। जबलपुर से मुंबई होते हुए, उसे केन्या के रास्ते नाइजीरिया भेजा गया। पुलिस टीम ने उसे इमीग्रेशन तक सही-सलामत पहुंचाया।
ब्राउनी 2015 में वीजा लेकर भारत आया था और दिल्ली में ऑटो पार्ट्स का काम करता था। वह बाद में साइबर फ्रॉड करने वाले गिरोह के संपर्क में आ गया। गिरोह के सदस्यों ने शादी डॉट कॉम पर अमीर महिलाओं को टारगेट कर ठगी की योजना बनाई। ब्राउनी की अच्छी अंग्रेजी और प्रभावी बातचीत से वह महिलाओं को आसानी से फंसा लेता था।