बिना भोजन के हमारी जिंदगी ज्यादा दिन नहीं चल सकती, लेकिन हर कोई सिर्फ जिंदा रहने के लिए ही खाना नहीं खाता, बल्कि उसे फूड में बढियां टेस्ट चाहिए जिसकी जिम्मेदारी हमारे जुबान के ऊपर होती है.लेकिन कई बार हम जीभ में फीका स्वाद महसूस करते हैं और नजरअंदाज भी कर देते हैं, लेकिन ऐसा करना खतरनाक है क्योकि फीकी जुबान कई गंभीर बीमारियों का संकत होती है. दरअसल बीमार होने पर हमारी जीभ के स्वाद और रंग में भी बदलाव आता है, यही वजह है कि डॉक्टर अक्सर इलाज के दौरान हमारी जुबान देखते हैं.
क्यों बदलता है जुबान का टेस्ट?
जब किसी को फ्लू की बीमारी होती है तो ऐसे समय में जुबान के स्वाद में कमी हो सकती है. ये एक सामान्य शारीरिक समस्या होती है, लेकिन कुछ मामलों में ये बीमारी के लक्षण भी हो सकते हैं.
डायबिटीज के रोगी अक्सर अपने जुबान के स्वाद में परिवर्तन का सामना करते हैं. ये उनकी ब्लड शुगर की स्थिति का पता लगाने के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है.
दंतों की समस्याए भी जुबान के स्वाद को प्रभावित कर सकती हैं. गिंगिवाइटिस, कैविटी, या मुंह साफ नहीं रखने की वजह से ऐसे परेशानियां पैदा होना बेहद आम बात है.
कई न्यूरोलॉजिकल बीमारियों जैसे कि पार्किंसन डिजीज, अल्जाइमर्स, या मल्टीपल स्क्लेरोसिस, जुबान के स्वाद में बदलाव का कारण बन सकते हैं.
खांसी और सर्दी के दौरान जुबान के स्वाद में कमी हो सकती है, क्योंकि ये नाक के बंद होने के कारण होता है, दरअसल नाक भी हामरे टेस्ट को तय करने के लिए जिम्मेदार होता है.