आज भास्कर, जबलपुर: स्वाइन फ्लू के बाद अब डेंगू ने भी अपने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। शहर में अब तक डेंगू के कारण तीन लोगों की जान जा चुकी है, जबकि कई लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। मलेरिया विभाग और नगर निगम की टीमों द्वारा लगातार निरीक्षण और जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, फिर भी शहर के कई इलाके डेंगू के हॉटस्पॉट बन चुके हैं।
रांझी बना डेंगू का हॉटस्पॉट
जबलपुर में रांझी क्षेत्र डेंगू का केंद्र बन गया है। यहां के जीसीएफ, व्हीकल, शोभापुर, शास्त्री नगर, गौरी घाट और रद्दी चौकी इलाकों में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इन क्षेत्रों में मलेरिया विभाग और नगर निगम की टीमें लगातार निरीक्षण कर रही हैं और प्रभावित इलाकों में दवाइयों का छिड़काव किया जा रहा है।
डॉक्टरों की सलाह और उपचार के उपाय
डॉक्टरों ने डेंगू से बचने के लिए समय पर इलाज करवाने की सलाह दी है। डेंगू के कारण तेज बुखार, शरीर में कमजोरी, और प्लेटलेट्स की संख्या में तेजी से गिरावट होती है, जिससे मरीज को चलने-फिरने में भी कठिनाई होती है। गंभीर मामलों में मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है।
आयुर्वेदिक उपचार के सुझाव
डॉक्टरों के अनुसार, आयुर्वेदिक उपचार भी डेंगू से लड़ने में प्रभावी हो सकता है। पपीता के पत्तों और गिलोय को डेंगू के इलाज में लाभकारी माना गया है। पपीता के पत्तों में एंटी डेंगू, एंटी कैंसर, एंटीडायबिटिक, और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। वहीं, गिलोय में एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीपायरेटिक गुण होते हैं, जो बुखार को कम करने में मदद करते हैं।
डेंगू के लक्षण और सावधानियां
डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, शरीर में तपन, प्लेटलेट्स में गिरावट, और अत्यधिक कमजोरी शामिल हैं। अगर किसी व्यक्ति में ये लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेना आवश्यक है। डेंगू के मामले में लापरवाही बरतना खतरनाक हो सकता है और इससे मरीज की स्थिति गंभीर हो सकती है।