रीजनल डायरेक्टर हेल्थ डॉक्टर संजय मिश्रा ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए निर्देश जारी किए हैं कि अब से केवल भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा प्रमाणित रिपोर्ट्स ही मान्य होंगी। उन्होंने जिले की सभी लैब्स को निर्देश दिया है कि सर्दी, खांसी और बुखार के साथ-साथ सांस लेने में तकलीफ वाले मरीजों का ही स्वाइन फ्लू टेस्ट किया जाए और अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो सैंपल को ICMR लैब में भेजा जाए।
पिछले 15 दिनों में जबलपुर में स्वाइन फ्लू के चार पॉजिटिव केस सामने आए हैं, जबकि निजी लैब्स में बड़ी संख्या में गलत पॉजिटिव रिपोर्ट्स दी जा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग ने स्वाइन फ्लू के लक्षणों को तीन कैटेगरी—A, B, और C में बांटा है, जिसमें केवल कैटेगरी C के मरीजों का ही H1N1 टेस्ट किया जाना है।
डॉ. मिश्रा ने कहा कि सर्दी, खांसी और बुखार की स्थिति में घबराने की जरूरत नहीं है, और जनता से कोविड गाइडलाइन्स का पालन करने की अपील की है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि निजी लैब्स की रिपोर्ट्स को ICMR की जांच के बाद ही पोर्टल में दर्ज किया जाएगा, जिससे गलत रिपोर्टिंग पर अंकुश लगाया जा सके।