दरबार होटल, उससे लगी लगभग 23 एकड़ जमीन अब होगी सरकारी - Aajbhaskar

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Monday, August 26, 2024

दरबार होटल, उससे लगी लगभग 23 एकड़ जमीन अब होगी सरकारी


आज भास्कर: मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में ओमती थानांतर्गत मढ़ाताल इलाके में बीचों-बीच स्थित दरबार होटल तथा उससे लगी हुई करीब 23 एकड़ भूमि जल्द ही सरकारी हो जाएगी। मध्य प्रदेश शासन के राजस्व विभाग द्वारा इस सिलसिले में प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। भूमि के सरकारीकरण के पीछे मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा जारी किया गया एक आदेश है। हाई कोर्ट के जस्टिस जीएस अहलूवालिया द्वारा पारित किए गए उक्त आदेश के तहत यह कार्रवाई प्रचलित है।

जानकारी के मुताबिक 2019, 2020 तथा 2022 में रिट याचिकाए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में लगाई गई। इनमें एक याचिका राकेश चौधरी एवं अन्य बनाम यश जैन एवं अन्य थी। जबकि दूसरी याचिका दिलीप साहू बनाम अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं अन्य थी तथा तीसरी याचिका यश जैन एवं अन्य बनाम राकेश चौधरी एवं अन्य थी। इन तीनों याचिकाओं में याचिकाकर्ताओं के वकीलों द्वारा मढ़ाताल क्षेत्र की वेश कीमती 23 एकड़ जमीन पर अपनी दावेदारी बताई गई। यह 23 एकड़ जमीन दरबार होटल से शुरू होकर, जयंती टॉकीज के पीछे की ओर हरि सिंह कॉलोनी समेत विनीत टॉकीज परिसर क्षेत्र को शामिल करते हुए रसीद गंज मस्जिद के कॉर्नर तक जाती है। सभी पक्षकारों के वकीलों द्वारा दावेदारी के संबंध में प्रस्तुत की गई दलीलों व दस्तावेजों के जरिए हाई कोर्ट में स्वामित्व साबित नहीं हो सका। हाई कोर्ट के जस्टिस जीएस अहलूवालिया द्वारा सुनवाई के उपरांत 37 पेज का विस्तृत आदेश पारित किया गया। आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि चूंकि पक्षकारों के अधिकार संदेह के घेरे में है, इसलिए एसएलआर जबलपुर द्वारा प्रकरण संख्या 65/ ए – 6 / 2016=17 में पारित दिनांक 18 दिसंबर 2017 का आदेश, अनुविभागी दंडअधिकारी ओमती द्वारा प्रकरण संख्या 8/ अपील/ए - 5/ 17 - 18 में पारित दिनांक 23 में 2018 का आदेश तथा अपर आयुक्त जबलपुर संभाग जबलपुर द्वारा प्रकरण संख्या 1283 / अपील पब्लिक 17 - 18 में पारित दिनांक 23 जुलाई 2018 का आदेश निरस्त किया जाता है तथा पक्षकारों को स्वामित्व की घोषणा के लिए सिविल न्यायालय जाने की छूट दी जाती है। इस बीच विवादित भूमि राज्य सरकार के नाम पर दर्ज रहेगी जो अहस्तांतरणीय होगी तथा ऐसा म्यूटेशन सिविल मुकदमे के अंतिम परिणाम के अधीन होगा। हाई कोर्ट द्वारा ऊक्त भूमि को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज करने के आदेश के बाद अनुविभागी अधिकारी रांझी आर एस मरावी तथा तहसीलदार राजीव मिश्रा द्वारा इस संबंध में कार्रवाई शुरू कर दी गई है। गौरतलब है कि यह विवादित भूमि सबसे ज्यादा चर्चाओं में तब आई, जब यहां दरबार होटल तानी गई और इसकी भागीदारी में हिस्ट्री सीटर बदमाश रज्जाक पहलवान तथा उसके पुत्र सरताज का नाम सार्वजनिक हुआ। इसके बाद ही नगर निगम द्वारा दरबार होटल को एक बार धराशाई भी कर दिया गया था।