आज भास्कर,मध्यप्रदेश : डॉक्टर पिता की हत्या के मामले में 17 वर्षीय नाबालिग बेटे को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। वहीं, इस चार साल पुराने मामले में कोर्ट ने आरोपी पत्नी को सबूतों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया।
घटना के समय डॉक्टर की पत्नी और बेटे ने पुलिस को बताया था कि नकाबपोशों ने घर में घुसकर कुल्हाड़ी, फावड़े और धारदार हथियारों से हत्या कर दी। बीच-बचाव करने पर बेटे और बेटी घायल भी हो गए थे। पुलिस को इस बयान से नकाबपोश हमलावरों की तलाश में काफी समय लग गया।
बाद में, फिंगरप्रिंट विशेषज्ञ आबिद अहमद अंसारी ने हत्या में उपयोग हुए औजारों पर 17 वर्षीय नाबालिग के उंगलियों के निशान पाए। जब इनका मिलान किया गया तो निशान मैच हो गए। सख्ती से पूछताछ के बाद मां-बेटे ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
डॉक्टर की पत्नी ने पुलिस को बताया कि उसका पति उसे और बच्चों को छोटी-छोटी बातों पर पीटता था। घटना की रात को, पति और बच्चे सो चुके थे। महिला ने कमरे से गैती, कुल्हाड़ी और वसूला लाकर पति पर हमला किया। बेटे ने भी कुल्हाड़ी से वार किया। बेटी ने पिता को बचाने की कोशिश की, जिसमें वह घायल हो गई।
महिला की 24 साल पहले शादी हुई थी और उसके पांच बच्चे हैं। उसने अपने बयान में बताया कि पति के दो-तीन महिलाओं से अवैध संबंध थे, जिससे वह परेशान थी। शादी के चार साल बाद से ही पति ने मारपीट शुरू कर दी थी।
आरोपी बेटे की उम्र 17 साल होने के कारण आरोप पत्र जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया गया था। लेकिन, बोर्ड ने मामले को सत्र न्यायालय भेज दिया और कहा कि आरोपी पर वयस्क अपराधी की तरह केस चलाया जाना चाहिए। सत्र न्यायालय ने चार साल बाद आरोपी बेटे को उम्रकैद की सजा सुनाई।