आज भास्कर, जबलपुर । मुसीबत विपदा आपदा दर्द दुख के वक्त जो साथ दे सहारा बने ,दर्द बांटे और निस्वार्थ भाव से मानवता का परिचय देते हुए मुसीबत में तन मन धन से लगा रहे उससे बड़ा मानव धर्मी भला और कौन हो सकता है आज हम बात कर रहे हैं उसे भयंकर खौफनाक मंजर की जिसे सदी की सबसे बड़ी विश्व व्यापी त्रासदी कहा गया है करोना करोना में यदि घर परिवार के किसी सदस्य ने झूठा ही खास दिया तो समझिए कि सब उसे उसे दुश्मन की नजर से देखते हुए नजरो के सामने से हट जाने के लिए कह देते थे। अपने-अपने ना रहे तब पराये की कौन कहे , ऐसे विकट और जानलेवा हालत में श्री जगत बहादुर सिंह "अन्नु" ने घर परिवार छोड़कर सबको ढ़ांढ़स बांधने राशन खाना तेल नमक सब्जी दूध के साथ दवाइयां पहुंचने का काम साहस के साथ किया ।ऐसे अनेक मौके आए जब लोगों की ऑक्सीजन की जरूरत जिंदगी और मौत के बीच मामूली सा फासला था शहर (जिला) कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष व शहर के प्रथम नागरिक महापौर श्री जगत बहादुर सिंह "अन्नु" ने अपनी पूरी ताकत लगाकर अनेक अस्पतालों के मैनेजमेंट से सीधे बात कर सुविधा उपलब्ध कराई ।जब मरीज बड़े और ऑक्सीजन का अकाल पड़ने लगा तो अपने सोच के विधायक पं.तरुण भनोट की मदद से ऑक्सीजन का टैंकर भी बुला लिया ।यह वक्त मानव धर्म निभाने का था सच्ची मानवता वही जो दूसरों के दर्द में स्वयं दुखी हो जाए ऐसे संवेदनशील संस्कारी और धर्म परायण श्री जगत बहादुर सिंह "अन्नु" महापौर ने अपने सामाजिक जीवन में यही सब कुछ करते रहने का बीड़ा उठाया है। महापौर श्री जगत बहादुर सिंह "अन्नु" ने आज उक्त आम घटनाओं का जिक्र पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के ऊर्जावान प्रत्याशी श्री तरुण भनोट के नर्सिंग वार्ड में जनसंपर्क के दौरान महिलाओं युवकों और बच्चों के सामने व्यक्त की तो सबकी आंखें नम हो गई ,उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति 24 घंटे आपकी बात सुनने तत्पर हो आपके बीच का अपना हो उसे हम चुने तो वह मुसीबत में वह.काम आता है बाकी तो सब आठ के बाद मोबाइल बंद और घर में कैद हो जाते हैं।