जबलपुर के मुख्य दशहरा चल समारोह में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद - Aajbhaskar

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Tuesday, October 24, 2023

जबलपुर के मुख्य दशहरा चल समारोह में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

आज भास्कर : कोलकाता व मैसूर की तर्ज पर देश-दुनिया में चर्चित संस्कारधानी जबलपुर का मुख्य दशहरा चल समारोह मंगलवार को निकलेगा। इसकी अगवानी गोविंदगंज रामलीला समिति करेगी, जिसके जुलूस में ज्योतिषपीठ के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद शामिल हाेंगे।

आशीवर्चन नहीं देंगे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

उक्त जानकारी गोविंद गंज रामलीला समिति के संरक्षक व महाकोशल चेम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष रवि गुप्ता ने दी। उन्होंने बताया कि स्वामी अविमुक्तेश्वराiनंद सायं छह बजे बजे मौन हो जाते हैं, इस कारण वे आशीवर्चन नहीं देंगे, लेकिन शहरवासियों को दर्शन देने गोविंदगंज रामलीला समिति के दशहरा चल समारोह में शामिल रहेंगे।

दशहरा जुलूस में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के दर्शन लाभ

रामलीला समिति के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने बताया कि समिति के पदाधिकारियों द्वारा स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का पूजन-अर्चन किया जाएगा। ये शहर वासियों का सौभाग्य है कि उन्हें दशहरा जुलूस में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के दर्शन लाभ होंगे। गोविंदगंज रामलीला के सिद्ध मंच को चारों पीठों के शंकराचार्य पूर्व में सुशोभित कर चुके हैं। रामलीला के 100 वर्ष पूर्ण होने पर चारों शंकराचार्य रामलीला में आए थे। ज्योतिष व शारदा पीठाधीाश्वर ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती तीन बार रामलीला के राज्याभिषेक महोत्सव में आए हैं।

धार्मिक राष्ट्रीय महत्व की झांकियां

रामलीला का जुलूस दोपहर तीन बजे रामलीला मैदान से प्रारंभ होगा। जुलूस दमोह नाला, बालदेवबाग, रानीताल होते हुए तीन पत्ती पहुंच मुख्य चल समारोह का नेतृत्व करेगा। जुलूस में धार्मिक, राष्ट्रीय, सांस्कृतिक महत्व की ढाई दर्जन झांकियां शामिल होंगी। जुलूस में पारंपरिक रावण, मेघनाद व कुंभकरण के पुतले भी होंगे, जिनका कुलूस उपरांत छोटा फुहारा में दहन किया जाएगा। रामलीला में बैंड, धमाल, दुलदुल घोड़ी, अश्वरोही दल शामिल रहेगा।

कुंभकरण की मटकी चर्चा में

दशहरा के एक दिन पूर्व नवमी के दिन रामलीला मंच पर कुंभकरण मेघनाद वध की लीला हुई, जिसमें अपार जनमेदिनी उमड़ी। रामलीला में कुंभकरण बने अमरनाथ रिछारिया का अभिनय सराहनीय रहा। उनके द्वारा मंच पर मटकी फोड़ने का दृश्य जीवंत था। कुंभकरण वध के बाद मेघनाथ बने प्रवीण तिवारी ने भी खूब तालियां बटोरी। राम के रूप में ओम दुबे, लक्ष्मण के रूप में प्रवर पांडे, हनुमान के रूप में पलाश पाठक, रावण के रूप में पवन पांडे का अभिनय सराहनीय रहा।