कथा अंश
- अजब धाम में श्री सदगुरु देव जै जै सरकार की पावन स्मृति
श्रीमद्भागवत कथा में भगवान श्रीकृष्ण से अधिक श्री सुखदेव जी के गुणों का स्मरण किया गया.सुखदेव जी के रूप में श्री कृष्ण ही हैं,स्कंद पुराण में श्रीमद् भागवत महात्म के अनुसार
उद्धव जी महाराज का वचन है उद्धव जी राजर्षि परीक्षित से कह रहे हैं कि तुम्हरी भागवत श्रवण की तीव्र इच्छा को देखकर आशीर्वाद देता हूँ कि साक्षात श्रीकृष्ण सुखदेव जी के रूप में प्रकट होकर श्रीमद्भागवत श्रवण कराएंगे।।पूज्य राजेन्द्रदास जी महाराज ने कहा कि राधारानी की क्रीड़ा सुक अर्थात सुआ है,इनका किसी से जन्म नही हुआ,नित्य गौलोक में मदनमोहन जी श्री राधारानी और अनन्त चारियो के साथ रास और नृत्य बिहार करते हैं, वँहा एक बार श्री कृष्ण के ह्रदय में सँकल्प उतपन्न हुआ कि मेरी अभिन्ना श्री राधारानी जिस भाव का निरन्तर आश्वादन करती में उसका निरन्तर आश्वादन कैसे करूँ.इसके लिए श्रीकृष्ण अपने संकल्प से श्री राधा रानी के कुंज में सुक अर्थात सुआ के रूप में प्रकट हुए