जो सुख दशरथ जी को नहीं मिला वह सुख जटायु ने पाया था - Aajbhaskar

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Tuesday, February 25, 2025

जो सुख दशरथ जी को नहीं मिला वह सुख जटायु ने पाया था


आज भास्कर\। फ़तेहपुर।। राम अवतार में जो सुख दशरथ जी को नहीं मिला वह जटायु को मिला दशरथ जी का अंतिम संस्कार भारत जी ने किया था किंतु जटायु का संस्कार भगवान राम ने किया था कृष्ण अवतार में जो सुख बस दुआ में राज को नहीं मिला वह सौभाग्य भीष्म पितामह को मिला जिनका अंतिम संस्कार भगवान ने किया था युधिष्ठिर महाराज धर्मराज के अवतार हैं वह भगवान के बहुत स्नेही थे युधिष्ठिर भगवान को लघु भ्राता मानते थे तथा भगवान भी लघु भ्राता की तरह व्यवहार करते थे जैसे ही बुढ़ापा आता है हमारा शरीर खुश करने लायक नहीं रहता जिस घर में स्वामी बन कर रहे वहां अपेक्षा होने लगे तो वह अगर छोड़ देना चाहिए धृतराष्ट्र की दशा देखकर विदुर जी ने धृतराष्ट्र को एक दृष्टांत सुनाया और कहा अभी घर छोड़ दो साथ में गांधारी निकली और गंगा किनारे तप करने लगे सबको सब कुछ पता रहता है लेकिन अपनी मृत्यु भूल जाता है मां को किसी की उम्र 70 वर्ष की है 50 साल निकल गए तो वह खुशी मनाता है किंतु यह भूल जाता है कि उसकी मृत्यु को केवल केवल 20 वर्ष रह गए हम लोग जो बनते हैं अधूरे बनते हैं भगवान पूरे बने तो बालक बने उनकी हर क्रियाएं पूरी बनी भगवान मैं चाह मेरी अर्जुन की मित्रता हमेशा बनी रहे ईश्वर हमारे पास है फिर भी हम नहीं समझ पाए उन्होंने कहा जब अपने से बड़ों का सम्मान पानी की लालसा आ जाए समझ लो कलयुग आ गया है बहू को लगे लगे कि सब लोग उनकी बात माने समझ लो कलयुग आ गया है भक्ति भी हमें भगवान का मार्ग दिखाती है ज्ञान भी हमें भगवान का मार्ग दिखाता है किंतु सबसे सरल रास्ता गुरु हमें भगवान से जोड़ता है अतः गुरु सबसे ऊंचा होता है गुरु ही हमारे जीवन की समस्याओं को समझ कर उनका समाधान करता है अतः सबको गुरु को पहले मानना चाहिए