खड़े होकर पानी पीने की आदत से सेहत को खतरा, किडनी और जोड़ों पर पड़ सकता है बुरा असर - Aajbhaskar

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Friday, October 4, 2024

खड़े होकर पानी पीने की आदत से सेहत को खतरा, किडनी और जोड़ों पर पड़ सकता है बुरा असर


सेहतमंद रहने के लिए शरीर में पानी का होना बेहद जरूरी है। यही वजह है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स भी दिनभर पर्याप्त पानी पीने की सलाह देते हैं। पानी पीने से हमारा शरीर हाइड्रेटेड रहता है, जिससे कई तरह की समस्याएं दूर रहती हैं। हालांकि, सिर्फ पानी पीना की काफी नहीं है। पानी पीने का तरीका ( Drinking Water Mistake) भी काफी मायने रखता है। अक्सर जल्दबाजी या कहीं बाहर होने की वजह से लोग खड़े होकर पानी पीते हैं, लेकिन खड़े होकर पानी पीने (khade hokar paani peene ke nuksan) से सेहत को कई नुकसान हो सकते हैं।

यह पानी पीने का एक गलत तरीका (heathy rules to drink water) है, जिससे आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। खड़े होकर पानी पीने से हमारे पाचन तंत्र पर असर पड़ता है और यह नर्वस सिस्टम को धीमा कर देता है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं। अगर आप भी अक्सर खड़े होकर ही पानी पीते हैं, तो आइए आपको बताते हैं इससे होने वाले कुछ नुकसान-

किडनी की समस्याएं

शोध से पता चलता है कि खड़े होकर पानी पीने से किडनी पर बुरा प्रभाव पड़ता है। खड़े होकर पानी पीने से ज्यादा दबाव की वजह से पानी बिना छने पेट के निचले हिस्से में जा सकता है, जो संभावित रूप से किडनी की समस्याओं की वजह बन सकता है।

जोड़ों का दर्द

खड़े होकर पानी पीने से पोषक तत्वों का अब्जॉर्प्शन प्रभावित होता है, जिससे जोड़ों के दर्द की समस्या हो सकती है। जोड़ों में पानी जमा होने से घुटनों में दर्द और इससे जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।

पाचन में गड़बड़ी

आयुर्वेद के अनुसार, खड़े होने पर पानी पीने से पानी शरीर में जबरदस्ती प्रवेश करता है, जिससे फ्लूइड बैलेंस बिगड़ जाता है, जिससे अपच हो जाता है। यही वजह है कि आयुर्वेदिक विशेषज्ञ बैठकर पानी पीने पर जोर देते हैं।

गठिया का खतरा

खड़े होकर पानी पीने से जोड़ों में पानी जमा हो सकता है, जो संभावित रूप से गठिया यानी आर्थराइटिस का कारण बन सकता है। पानी में असंतुलन और ज्यादा मात्रा में टॉक्सिन्स जमा होने से गठिया की समस्या बड़ सकती है।

प्यास न बुझना

खड़े होकर पानी पीने से इसके यह तेजी से शरीर में प्रवेश करता है, जिससे फेफड़ों और दिल की फंक्शनिंग के लिए खतरा बढ़ जाता है। पानी की तेज गति ऑक्सीजन के स्तर को भी बाधित कर सकती है, जिससे प्यास अधूरी रह जाती है।