रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में अनूठी पहल, कुलगुरु ने कक्षा में शिक्षक बनकर ली विद्यार्थियों की क्लास - Aajbhaskar

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Thursday, September 12, 2024

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में अनूठी पहल, कुलगुरु ने कक्षा में शिक्षक बनकर ली विद्यार्थियों की क्लास




  • - लगभग एक घंटा चली बीकॉम कक्षा के बाद नव प्रवेशित विद्यार्थियों के चेहरे पर दिखी उत्साह की चमक, सतत चलेगा ये नवाचार

आज भास्कर, जबलपुर 11 सितम्बर।
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के यूआईएम में नव प्रवेशित वाणिज्य के छात्र-छात्राएं गुरुवार को एक नये अनुभव से रूबरू हुए। जब विश्वविद्यालय के माननीय कुलगुरु प्रो. राजेश कुमार वर्मा ने विद्यार्थियों को उनकी ही कक्षा में पढ़ाया। कुलगुरु ने बीकॉम एवं बीकॉम ऑनर्स के विद्यार्थियों न सिर्फ उनके सिलेबर्स में शामिल एकाउंट विषय की न सिर्फ क्लास ली, बल्कि एकाउंट्स के विभिन्न टॉपिक्स को समझाते हुए उनके डाउट्स को भी क्लियर किया।

विश्वविद्यालय के यूआईएम में कुलगुरू ने सर्वप्रथम बीकॉम के विद्यार्थियों के बीच पहुंचकर एकाउंट के मूलभूत सिद्धांत को समझाया इसके बाद व्यापारिक खाते के अंतर्गत आने वाली मदें, लाभ हानि खाते से संबंधित व्यापार, व्यापार की आय पर विस्तृत चर्चा इत्यादि टॉपिक्स पर लगभग एक घंटा ब्लैक बोर्ड पर धाराप्रवाह पढ़ाते रहे। उन्होंने विद्यार्थियों से दोहरा संवाद स्थापित कर कई टापिक को बताया। इस दौरान विद्यार्थियों ने भी कुलगुरु से कई सवाल भी पूछे, जिसे उन्हें विस्तार से उन्होने समझाया। कुलगुरु की क्लास में विद्यार्थियों के विद्यार्थी काफी खुश नजर आए।

अध्ययन, अध्यापन में रूचि ने विद्यार्थियों के बीच पहुंचाया-

विश्वविद्यालय के यूआईएम में नवप्रवेशित वाणिज्य विषय के विद्यार्थियों की कक्षा के पश्चात कुलगुरु प्रो. राजेश कुमार वर्मा ने बताया कि उनकी रूची प्रारंभ से ही अध्ययन-अध्यापन की रही है एकाउंट्स और फाईनेंस के क्षेत्र में चूंकि उन्हें विशेषज्ञता हासिल है, इसलिए वे चाहते हैं कुलगुरु होने के बाद भी एक शिक्षक के रूप में उनके अनुभव का लाभ भी विद्यार्थियों को मिले इसलिए उनके द्वारा ये नवाचार प्रारंभ किया गया है जो सतत जारी रहेगा। कुलगुरु प्रो. वर्मा ने कहा कि विद्यार्थी की सफलता ही एक शिक्षक की पूंजी होती है। शिक्षक के लिए विद्यार्थी उस वृक्ष के समान है, जिसको जितना सींचेंगे और सजाएंगे, वह उतना ही फल देगा। जीवन में आगे बढऩे के लिए हमेशा प्रयत्न करते रहना चाहिए। किसी भी परिस्थितियों में चुनौतियों से पीठ नहीं मोडऩा चाहिए। बल्कि उससे डटकर सामना करना चाहिए। शिक्षक के विशेष ज्ञान का लाभ विद्यार्थियों को मिलना ही चाहिए।