आज भास्कर, जबलपुर : रेल मदद और रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 पर यात्रियों के साथ रेल कर्मचारियों के खराब व्यवहार की शिकायतें बढ़ती जा रही हैं। इन शिकायतों ने रेलवे बोर्ड से लेकर पश्चिम मध्य रेलवे जोन और जबलपुर मंडल में बैठे आला अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। इस समस्या पर काबू पाने के लिए रेलवे अब नए प्रयोग कर रहा है। जबलपुर रेल मंडल इसका नेतृत्व कर रहा है।
जबलपुर से होगी शुरुआत
इसकी शुरुआत जबलपुर रेलवे स्टेशन से हो रही है। यहां टिकट काउंटर पर आने वाले यात्रियों से टिकट देने वाले रेल कर्मचारियों के रवैये के बारे में पूछा जाएगा। यात्रियों से फीडबैक फॉर्म के जरिए यह जानकारी ली जाएगी कि टिकट लेने के दौरान रेल कर्मचारियों का व्यवहार कैसा रहा। यदि यात्रियों ने कर्मचारी का व्यवहार खराब बताया, तो रेलवे कार्रवाई करेगा।
यात्रियों के पास जाकर पूछेंगे सवाल
स्टेशन पर फीडबैक फॉर्म और बॉक्स लगाए गए हैं, जहां यात्री अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं। फीडबैक फॉर्म में यात्रियों को चार विकल्प दिए जाएंगे: बहुत अच्छा, अच्छा, संतोषजनक, और असंतोषजनक। यात्रियों को इनमें से एक विकल्प पर टिक करना होगा। फीडबैक फॉर्म में दिन, दिनांक, स्थान, टिकट काउंटर नंबर और प्लेटफार्म नंबर भी दर्ज होंगे। यह फॉर्म भरकर स्टेशन पर लगे फीडबैक फॉर्म बॉक्स में डालना होगा।
संतोषजनक बर्ताव नहीं हुआ तो होगी काउंसलिंग
यदि यात्री को कर्मचारी का व्यवहार संतोषजनक नहीं लगता, तो रेलवे अधिकारी कर्मचारी की काउंसलिंग करेंगे। इसके बाद भी शिकायत आने पर कर्मचारी को टिकट काउंटर की जिम्मेदारी से हटाया जाएगा और तीसरी बार शिकायत आने पर कर्मचारी के खिलाफ तबादले से लेकर चार्जशीट देने की कार्रवाई की जाएगी। यह प्रक्रिया गुरुवार से लागू की जा रही है।
रेल मदद पर शिकायतें
सबसे ज्यादा शिकायतें टिकट काउंटर के कर्मचारियों, टिकट चैकिंग दल, आरपीएफ, और स्टेशन पर तैनात कर्मचारियों के खिलाफ आती हैं। पार्सल बुकिंग और आरक्षण केंद्र में भी यात्रियों की शिकायतें होती हैं।
सीनियर डीसीएम का बयान
डाॅ. मधुर वर्मा, सीनियर डीसीएम, जबलपुर रेल मंडल ने कहा कि यदि किसी कर्मचारी की शिकायत मिलती है, तो पहले उसकी काउंसलिंग की जाएगी और फिर भी सुधार नहीं होने पर कार्यमुक्त और तबादले की कार्रवाई की जाएगी।