आज भास्कर, भोपाल /जबलपुर : चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा ऑटोनॉमस मेडिकल कॉलेज में पदस्थ फैकल्टी का ट्रांसफर सरकारी मेडिकल कॉलेज में करने के मामले में जबलपुर हाई कोर्ट ने डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन (डीएमई) डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने निर्देश दिए हैं कि जुर्माना 7 दिन के भीतर अपनी जेब से याचिकाकर्ता को भुगतान किया जाए। इसके अतिरिक्त, डीएमई के इस आचरण को उनके सर्विस रिकॉर्ड में भी दर्ज करने का आदेश दिया गया है।
याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी डॉ. मयूरा सेतिया की ओर से अधिवक्ता संजय वर्मा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि डॉ. सेतिया की नियुक्ति 2017 में शासकीय नेताजी सुभाषचंद्र मेडिकल कॉलेज जबलपुर में डिमांस्ट्रेटर के पद पर हुई थी। मई 2018 में उनकी पदोन्नति असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुई और नवंबर 2022 में उन्हें एसोसिएट प्रोफेसर बनाया गया। सेवा नियम के तहत ऑटोनॉमस मेडिकल कॉलेज में पदस्थ फैकल्टी का ट्रांसफर नहीं किया जा सकता।
इसके बावजूद, डॉ. सेतिया का ट्रांसफर शासकीय मेडिकल कॉलेज सिवनी कर दिया गया। पूर्व में भी उनका इसी तरह सतना मेडिकल कॉलेज में ट्रांसफर किया गया था, जिसे हाई कोर्ट ने निरस्त कर दिया था।
सभी तर्कों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने डीएमई के खिलाफ कार्रवाई और जुर्माना वसूले जाने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले में अपील करेंगे।