नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से 'विकसित भारत 2047' का उल्लेख करते हुए देशवासियों के संकल्प और सुझावों को सामने रखा। उन्होंने कहा कि विकसित भारत का यह सपना मात्र शब्द नहीं, बल्कि इसके पीछे कठोर परिश्रम और देशवासियों के अनगिनत सुझावों का बल है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि देश के करोड़ों नागरिकों ने 'विकसित भारत 2047' के लिए अनमोल सुझाव दिए हैं, जिनमें युवा, गरीब, आदिवासी, ग्रामीण, शहरी, किसान, और कामगार सभी शामिल हैं। उन्होंने विभिन्न सुझावों जैसे भारत को दुनिया का स्किल कैपिटल बनाने, मैन्युफैक्चरिंग का ग्लोबल हब बनाने, भारतीय विश्वविद्यालयों को ग्लोबल बनाने और पारंपरिक औषधियों को प्रोत्साहित करने का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने न्याय प्रणाली में सुधार, प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयारी, और अंतरिक्ष में भारतीय स्पेस स्टेशन बनाने के सुझावों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि देशवासियों के इन सपनों ने सरकार के लिए एक नया संकल्प और आत्मविश्वास उत्पन्न किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले नौ वर्षों में किए गए विभिन्न प्रयासों का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचाई गई, 3 करोड़ परिवारों को जल जीवन मिशन के तहत स्वच्छ जल उपलब्ध कराया गया, और स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्वच्छता की भावना को मजबूत किया गया। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से दलित, पीड़ित, शोषित, और आदिवासी समाज के लोग विशेष रूप से लाभान्वित हुए हैं, जो पहले वंचित थे।