आज भास्कर, जबलपुर : उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा मार्ग में स्थित खान-पान और फल दुकानों के बाहर मालिक का नाम लिखने के निर्देश के बाद जबलपुर में भी इस तरह की मांग जोर पकड़ रही है। उत्तर विधानसभा क्षेत्र के विधायक अभिलाष पांडेय ने यूपी सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया और कहा कि जबलपुर में भी दुकानों के बाहर मालिक का नाम अंकित किया जाना चाहिए।
विधायक अभिलाष पांडेय ने कहा कि यह हमारी पुरानी परंपरा भी है और न सिर्फ खानपान की सामग्री बेचने वाले बल्कि सभी व्यापारियों को अपने प्रतिष्ठान के बाहर बोर्ड पर अपनी पहचान स्पष्ट करनी चाहिए। हिंदूवादी संगठनों ने भी इस मांग का समर्थन किया और कहा कि नाम व पहचान छिपाने वाले व्यापारियों के विरुद्ध सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए और गड़बड़ी को रोकने के लिए कड़े प्रावधान बनाने चाहिए। मालिक का नाम दुकान के बाहर बोर्ड पर लिखना उचित है। यह व्यापारी की पहचान और विश्वसनीयता से भी जुड़ा मामला है। ताकि आम नागरिक व्यापारी की पहचान भलीभांति कर सकें।
उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर नेमप्लेट अनिवार्य कर दी है। यह निर्णय कांवड़ यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं की आस्था की पवित्रता बनाए रखने के लिए लिया गया है। हलाल सर्टिफिकेट वाले उत्पाद बेचने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। यूपी सरकार के इस निर्णय का जबलपुर में हिंदूवादी संगठनों ने समर्थन किया है।
बजरंग दल के विभाग संयोजक सुमित सिंह ठाकुर ने कहा कि धार्मिक स्थलों में कारोबारी अपने प्रतिष्ठान के आगे अपना असली नाम अच्छी तरह अंकित करें, ताकि उनकी पहचान में समस्या न होने पाए। तमाम कारोबारी नाम बदलकर दुकानें संचालित कर रहे हैं जिससे श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं।
अंतरराष्ट्रीय बजरंग दल के राष्ट्रीय महामंत्री पं. कन्हैया रामकृष्ण तिवारी ने कहा कि जबलपुर समेत समूचे मध्य प्रदेश में उत्तर प्रदेश की तर्ज पर दुकानों के बाहर मालिक का असली नाम लिखने के निर्देश जारी किए जाएं। यदि कोई गैर हिंदू पहचान छिपाकर भोजनालय आदि का संचालन करता है तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई हो।
हिंदू सेवा परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अतुल जेसवानी ने कहा कि खानपान की होटलें और पूजन सामग्री की दुकानों के बाहर मालिक का नाम लिखा जाना आवश्यक है। उत्तर प्रदेश सरकार का निर्णय स्वागत योग्य है। हिंदुओं की धार्मिक आस्था का सम्मान करते हुए व्यापारियों को अपनी पहचान छिपाने का षडयंत्र नहीं करना चाहिए।