
आज भास्कर, जबलपुर : मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर बेंच में न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी और न्यायमूर्ति अचल कुमार पालीवाल की विशेष युगलपीठ ने अनसूटेबल नर्सिंग कॉलेजों के छात्रों के एनरोलमेंट नंबर जारी कर परीक्षा में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। यह परीक्षा अगस्त माह में होनी है।
हाई कोर्ट ने मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर को निर्देश दिए कि सीबीआई जांच में जो 66 नर्सिंग कॉलेज अनसूटेबल पाए गए थे, उनके सत्र 2021-22 और सत्र 2022-23 के छात्रों को नामांकन जारी कर उन्हें परीक्षा में शामिल किया जाए।
ला स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की जनहित याचिका सहित अन्य सभी संलग्न प्रकरणों की सोमवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान 11 अनसूटेबल कॉलेजों की ओर से आवेदन पेश कर याचिका में पक्षकार बनाने का आग्रह किया गया। आवेदन में कहा गया कि उनके कॉलेजों को सीबीआई ने जांच में अनसूटेबल बताया है, लेकिन जांच में क्या कमी पाई गई है, इससे संबंधित दस्तावेज नहीं सौंपे गए हैं। हाई कोर्ट ने उक्त कॉलेजों द्वारा प्रस्तुत आवेदन को निरस्त कर कहा कि अनसूटेबल कॉलेज पृथक से याचिका दायर कर सकते हैं। मूल जनहित याचिका में उन्हें पक्षकार नहीं बनाया जा सकता।
रीवा मेडिकल से जुड़े सरकारी नर्सिंग कॉलेज को अनसूटेबल पाए जाने के कारण वहां के छात्रों द्वारा आवेदन पेश कर उन्हें अन्यत्र स्थानांतरण करने का आग्रह किया गया। हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए कि इसके लिए ज्यूडिशियल कमेटी के समक्ष पेश होकर आवेदन दें। कमेटी उस पर निर्णय ले।