- अंडरपास ब्रिज के निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी मुख्यालय एवं केंद्रीय मंत्री से की शिकायत
आज भास्कर , सागर : नेशनल हाईवे 44 झांसी ललितपुर सागर तक 26 अंडरपास ब्रिज स्वीकृत किए गए हैं।उक्त ब्रिज का निर्माण कार्य एक प्राइवेट कंपनी द्वारा कराया जा रहा है। जानकारी के अनुसार धारीवाल कंपनी को उक्त टेंडर मिला है। घटिया निर्माण कार्य होने के कारण निर्माण कार्य को लेकर लगातार प्रश्न चिन्ह उठा रहे है।बेहद घटिया एवं गुणवत्ताहीन निर्माण सामग्री का उपयोग होने के बाद भी अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। घटिया किस्म के जंग लगे हुए सरिया का उपयोग किया जा रहा है। उक्त सरिया में बहुत अधिक जंग लगी हुई है जिसका उपयोग अंडरपास ब्रिज के निर्माण के लिए किया जा रहा है। संबंधित विभाग के अधिकारी की मिली भगत से निर्माण कार्य किया जा रहा है उनके द्वारा घटिया एवं गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य को रोका नहीं जा रहा है। अंडरपास ब्रिज के निर्माण के लिए कोन किस्म की गिट्टी का उपयोग किया जाना था लेकिन ठेकेदार द्वारा अमानक एवम गुणवत्ताहीन गिट्टी का उपयोग किया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि नेशनल हाईवे 44 झांसी ललितपुर सागर मार्ग पर बना रहे अंडरपास ब्रिज में गुणवत्तापूर्ण सामग्री का उपयोग नही किया जा रहा जबकि शासन द्वारा निर्धारित किया गया है कि गुणवत्तापूर्ण सामग्री उपयोग किया जाए और उच्च क्षमता वाले पुल का निर्माण कराया जाए।नेशनल हाईवे 44 के अधिकारी एवं ठेकेदार द्वारा घटिया किस्म का निर्माण कार्य होने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही।
कंपनी के वाहन से हो रही टोल टैक्स की चोरी
केंद्र सरकार द्वारा जो टेंडर झांसी ललितपुर सागर मार्ग पर 26 अंडरपास ब्रिज के निर्माण कार्य का जिस ठेकेदार को दिया गया है उस कंपनी के ठेकेदार द्वारा ही केंद्र सरकार को क्षति पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। ठेकेदार द्वारा अपने वाहन टोल टैक्स से बचने के लिए घुमा फिरा कर गौशाला तेरामील के पास से निकल जा रहे हैं और इस बीच घुमा फिरा कर बाहर निकालने के बाद पुनः नेशनल हाईवे से वाहन का आना-जाना होता है यही नही केवल टोल टैक्स बचाने के लिए इस प्रकार का कार्य किया जा रहा है जिसके चलते टोल टैक्स का नुकसान हो रहा है। इस संबंध में कि चितौरा के टोल टैक्स मैनेजर का कहना है कि मुझे भी जानकारी मिली है कि नेशनल हाईवे 44 झांसी ललितपुर सागर मार्ग पर अंडरपास ब्रिज का निर्माण करने वाली कंपनी के द्वारा वाहन को घुमा फिरा कर निकल जा रहे हैं। टोल टैक्स की चोरी करना गलत है।
नेशनल हाईवे 44 पर अंडर पास ब्रिज का निर्माण करने वाली कंपनी द्वारा केवल टोल टैक्स बचाने के लिए शॉर्टकट मार्ग अपनाया जा रहा है और कंपनी एवं केंद्र सरकार को नुकसान पहुंचाया जा रहा है लेकिन कंपनी के ठेकेदार को यह पता होना चाहिए कि वह जिस राशि से अंडरपास ब्रिज का निर्माण कर रहे हैं वह कहीं ना कहीं टोल के माध्यम से केंद्र सरकार के पास पहुंचती है और केंद्र सरकार द्वारा निर्माण के लिए वही राशि खर्च की जाती है लेकिन टोल टैक्स की चोरी को लेकर लगातार निर्माण ठेकेदार की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह उठ रहे हैं।
सेफ्टी व्यवस्था न होने के कारण आए दिन हो रही दुर्घटनाएं
नेशनल हाईवे 44 झांसी ललितपुर सागर मार्ग पर अंडरपास बना रही निर्माण कंपनी द्वारा सुरक्षा को लेकर भारी लापरवाही अपनाई जा रही है। कहीं पर भी मुरम का ढेर लगा दिया जाता है और कहीं पर भी एकाएक रास्ता भी परिवर्तित कर दिया जाता है जिसके चलते आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। वाहन चालकों का कहना है कि ठेकेदार द्वारा सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं।परिवर्तित मार्ग पर पर्याप्त सांकेतिक बोर्ड नहीं लगाए गए हैं।रेडियम बोर्ड का उपयोग ना करते हुए केवल मुरम से भरी बोरियों पर रेडियम चिपका दिया गया है।कहीं-कहीं मुरम के ढेर लगा दिए गए हैं। अंडरपास ब्रिज के पास चल रही अव्यवस्था के कारण कुछ दिन पूर्व एक ट्रक भी पलट गया था जो एकाएक आए मुरम के ढेर को देखकर चालक घबरा गया। वाहन चालकों का कहना है कि ठेकेदार द्वारा पूर्व सूचना के कहीं भी कुछ भी किया जा रहा है। उक्त मामले में यदि कोई दुर्घटना घटित होती है तो उक्त मामले में उनके द्वारा कानूनी कार्रवाई की जाएगी।वहीं ठेकेदार द्वारा किसी भी व्यक्ति को परिवर्तित मार्ग पर खड़ा नहीं किया गया जो यह जानकारी दे सके कि उक्त मार्ग परिवर्तित किया गया है। कहीं पर भी सेफ्टी रिबन का उपयोग नहीं किया गया। सबसे ज्यादा परेशानी नेशनल हाईवे 44 को जोड़ने वाले शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र से आ रही है क्योंकि यहां पर सूचना बोर्ड ना होने के कारण वाहन चालक परेशान हो रहे हैं और शहर एवं गांव के अंदर जाने के लिए उन्हें समझ नहीं आ रहा कि कहां से जाएं लेकिन इस संबंध में ना तो कोई व्यक्ति कंपनी द्वारा मार्गदर्शन के लिए खड़ा कर किया गया है, ना ही कोई सांकेतिक बोर्ड लगाए गए हैं। केवल मार्ग परिवर्तन की सामान्य बोर्ड एवं मुरम डालकर मार्ग को अवरूद्ध किया गया है जिससे कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है।