भोपाल । राजधानी भोपाल के बाणगंगा की गंगानगर बस्ती में कुत्तों का शिकार हुए 6 साल का मासूम हुमेर अब खतरे से बाहर है। उसकी लिक्विड डाइट शुरू कर दी गई। वहीं, जांच में आंखें ठीक मिली। इधर, कुत्तों के आतंक पर फिर से सियासत गरमा गई है। नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने दोषियों पर स्नढ्ढक्र दर्ज कराने और नसबंदी करने वाली कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने की मांग की है।हुमेर का कमला नेहरू हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। मंगलवार की रात में कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया था। इससे उसका जबड़ा बुरी तरह से जख्मी हो गया था। इससे 20 टांके आए थे। डॉक्टर ने 3 दांत भी निकाल दिए। हुमेर के पिता इमरान खान ने बताया, आंख के ऊपर भी टांके लगे थे। इस कारण सूजन थी। शुक्रवार सुबह सूजन कम हुई। डॉक्टर ने जांच की तो आंखें ठीक निकली। हालांकि, हुमेर अभी भी दर्द से कराह रहा है। इमरान ने बताया, शुक्रवार से ही हुमेर की लिक्विड डाइट शुरू की गई है। डॉक्टर ने कहा है कि यदि सब सामान्य रहा तो शनिवार से नली निकाल देंगे। इसके बाद सामान्य रूप से उसे खाना देंगे। कुत्तों के शिकार की इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद अब तक हुमेर के परिजनों को किसी भी तरह की सरकारी मदद नहीं मिली है, जबकि इमरान मजदूर हैं। हालांकि, कई समाजसेवियों ने इमरान से मदद के लिए संपर्क किया है। वहीं, नेता प्रतिपक्ष जकी भी अपने स्तर पर मदद कर रही हैं।
भोपाल । राजधानी भोपाल के बाणगंगा की गंगानगर बस्ती में कुत्तों का शिकार हुए 6 साल का मासूम हुमेर अब खतरे से बाहर है। उसकी लिक्विड डाइट शुरू कर दी गई। वहीं, जांच में आंखें ठीक मिली। इधर, कुत्तों के आतंक पर फिर से सियासत गरमा गई है। नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने दोषियों पर स्नढ्ढक्र दर्ज कराने और नसबंदी करने वाली कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने की मांग की है।हुमेर का कमला नेहरू हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। मंगलवार की रात में कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया था। इससे उसका जबड़ा बुरी तरह से जख्मी हो गया था। इससे 20 टांके आए थे। डॉक्टर ने 3 दांत भी निकाल दिए। हुमेर के पिता इमरान खान ने बताया, आंख के ऊपर भी टांके लगे थे। इस कारण सूजन थी। शुक्रवार सुबह सूजन कम हुई। डॉक्टर ने जांच की तो आंखें ठीक निकली। हालांकि, हुमेर अभी भी दर्द से कराह रहा है। इमरान ने बताया, शुक्रवार से ही हुमेर की लिक्विड डाइट शुरू की गई है। डॉक्टर ने कहा है कि यदि सब सामान्य रहा तो शनिवार से नली निकाल देंगे। इसके बाद सामान्य रूप से उसे खाना देंगे। कुत्तों के शिकार की इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद अब तक हुमेर के परिजनों को किसी भी तरह की सरकारी मदद नहीं मिली है, जबकि इमरान मजदूर हैं। हालांकि, कई समाजसेवियों ने इमरान से मदद के लिए संपर्क किया है। वहीं, नेता प्रतिपक्ष जकी भी अपने स्तर पर मदद कर रही हैं।