अपनी मेहनत और अनुभव से मत्स्य उद्योग स्थापित करने वाले 12 वीं पास युवा की कहानीआज भास्कर , बालाघाट : 4 फरवरी 24/ बालाघाट में लालबर्रा जनपद में करीब 30 किमी. दूर पांडेवाड़ा के युवक वेदराम रहांगडाले ने 12 वर्ष पहले अपनी जमीन पर मनरेगा द्वारा बने तालाब को रोजगार का अवसर बनाया। इसके बाद उन्होंने अपनी मेहनत और अनुभव के साथ शासन की योजना के सहारे मत्स्य उद्योग स्थापित कर लिया है। आज वे इस व्यवसाय से साल में लगभग 30 लाख रुपये का मुनाफा ले रहे है। अपने इस व्यवसाय से वे 10 लोगो को रोजगार भी दे रहें है। वर्ष 2012 में उनके खेत में 12 हजार वर्ग फीट में मीनाक्षी योजना में तालाब बनाया गया। इसी तालाब से उन्होंने अपने रोजगार को प्रारम्भ किया। इसके बाद वर्ष 2019 और 2021 में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में 6.20 रुपये के अनुदान को व्यवसाय में बदला।
तीन वर्ष तक स्वयं से अनुभव किये,मछली के बीमारियों को समझा
वेदराम बताते है कि उनके खेत पर मनरेगा से बने तालाब में स्वयं के खर्च पर मछली के बीज डाले थे। लेकिन कोई खास लाभ नही हुआ। वे लगातार यह प्रयोग करते रहें। उन्होंने इस दौरान मछलियों को होने वाली समस्या जैसे-जल का तापमान, ऑक्सीजन का स्तर, अमोनिया कंट्रोलिंग और बीमारियों (लाल चदका) तथा मछली की भोजन आवश्यकताओं को समझा। वर्ष 2012 से 15 तक अनुभव के बाद वास्तविक रूप से मछली पालन की ओर ध्यान लगाया। इस दौरान मुनाफा भी होने लगा। वेदराम ने 2015 में पीएम मत्स्य संपदा योजना से 2.20 लाख रुपये के अनुदान से एक और तालाब का निर्माण कर मछली पालन के मुफीद बनाया। फिर 2021 में उसी योजना से 5 लाख रुपये के अनुदान से क्योस्क स्थापित किया। अब इसी क्योस्क से 8 से 10 मछली की प्रजातियों से अपना व्यवसाय कर रहें है।
प्रदेश के आधे हिस्से में सीड और फिश फ़ूड को पहुँचा रहें है
वेदराम ने बताया कि आज वे मछली उत्पादन, सीड के अलावा फिश फ़ूड का भी व्यवसाय प्रारम्भ कर चुके है। उनके इस व्यवसाय को भिंड, दतिया, सागर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा व पांढुर्णा से बालाघाट की ओर आने वाले प्रदेश के पूर्व हिस्से में आने वाले जिलों में फैलाया है। साथ ही सिवनी, मंडला और नागपुर के मछली व्यापारी उनसे थोक में करीब 8 से 10 प्रजाति की मछली और झींगा खरीद रहे है।
10 लोगों को दे रहे है रोजगार
वर्तमान में वेदराम अपने 10 तालाबों से कतिब 10 लाख फिश के सीड, 5 क्विंटल झींगा, 30 टन फंगेशियस और 10 टन रूपचन्दा प्रजाति की 1 से 2 किलो की मछली थोक में बेंच रहें है। इस कार्य के लिए वे 10 मछुआरों सहित अन्य को रोजगार भी मुहैय्या करा रहे है। वास्तव में वेदराम जैसे युवा आज शासन की योजनाओं का लाभ ले कर रोजगार स्थापित करने लगे है।