बच्चों के लिए शत्रु के समान होते हैं ऐसे माता-पिता - Aajbhaskar

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Tuesday, January 2, 2024

बच्चों के लिए शत्रु के समान होते हैं ऐसे माता-पिता


आचार्य चाणक्य केवल देश में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में काफी लोकप्रिय रहे हैं और इसकी मुख्य वजह उनके द्वारा बनाई गई नीतियां हैं. जिन्हें अपनाकर बहुत से लोगों ने दुनिया में एक बड़ा मुकाम हासिल किया है और सफल जीवन व्यतीत कर रहे हैं. आचार्य चाणक्य की इन नीतियों का ही संग्रह चाणक्य नीति है और इसकी खासियत है कि इसमें आपको केवल करियर में सफलता के नियम ही नहीं मिलेंगे, बल्कि माता-पिता और बच्चों के रिश्ते को लेकर भी इसमें अहम जानकारी दी गई है. चाणक्य नीति के अनुसार यदि माता-पिता अपने बच्चों सफल और बेहतर व्यक्ति बनाना चाहते हैं तो उन्हें कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए. क्योंकि माता-पिता द्वारा की गई लापरवाही उनके और बच्चे के रिश्ते में खटास पैदा कर देती है.

माता-पिता और बच्चे का रिश्ता

चाणक्य नीति के अनुसार जो माता-पिता अपने बच्चों को शिक्षा नहीं देते वह उनके लिए शत्रु के समान हैं. क्योंकि अशिक्षित बच्चा कभी विद्वानों के बीच नहीं बैठ पाता और यदि बैठ भी जाए तो उसे अपमान सहना पड़ता है. इसलिए शिक्षा बेहद ही जरूरी है. चाणक्य नीति के अनुसार विद्ानों के बीच बैठा अशिक्षित बालक स्वंय को हंसों की सभी में बगुले के समान महसूस करता है. वैसे भी आज के समय में शिक्षा व्यक्ति की सबसे बड़ी ताकत है और इसलिए अपने बच्चे की शिक्षा पर जरूर ध्यान दें.

वहीं जो माता-पिता अपने ब्च्चों को लाड़-प्यार में गलत आदते डालते हैं चह भी बच्चों के लिए किसी शत्रु से कम नहीं है. क्योंकि बच्चों के सबसे पहले शिक्षक उसके माता-पिता ही होते हैं और इसलिए उन्हें बच्चों की सही व गलत आदतों पर खास ध्यान रखना चाहिए. लाड़-प्यार के साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि इसके चलते कहीं आपका बच्चा गलत आदतों में तो नहीं पड़ रहा. क्योंकि गलत आदतें उसका पूरा जीवन बर्बाद कर सकती हैं.

हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा जीवन में तरक्की हासिल करें और सफल हो. इसलिए चाणक्य नीति में बताई गई इन बातों को खास ध्यान रखें. बेशक ये बातें सुनने में कड़वी लगेंगे लेकिन आपका जीवन बदल सकती हैं