यहां एक कमेटी बनी हुई है, जो बच्चों की देखभाल करती है। उन्हें बेस्ट फैसिलिटी देती है, ताकि उनका मानसिक और शारीरिक विकास ठीक से हो सके। नागी हमेशा ऐसा नहीं था। सिर्फ 5 साल पहले यहां भी जापान के अन्य शहरों की तरह जन्मदर काफी कम थी। लेकिन इसी बीच सरकार ने अहम ऐलान किया। सरकार कपल्स को बच्चे पैदा करने पर इनाम के तौर पर लाखों रुपये देने लगी। दिलचस्प बात यह थी कि यह राशि हर बच्चे के जन्म के साथ बढ़ जाती थी। पहला बच्चा हुआ तो 60 हजार रुपये और अगर आपने 5वां बच्चा किया तो 2.5 लाख रुपये मिलने लगे। उसके बाद स्थिति बदल गई। जापान के अन्य शहरों में जहां जन्मदर दोगुनी है तो नागी शहर तीन गुनी। यह चमत्कार से कम नहीं। उसके बाद लोग यहां बच्चे पैदा करने और उन्हें पालने के गुर सीखने आने लगे।हालात ये हैं कि लोग यहां पर अपने बच्चों का दाखिला तक कराते हैं। इन बच्चों को सालाना 80 हजार से डेढ़ लाख रुपये रुपये वजीफा दिया जाता है।जिन लोगों को यहां बच्चा पैदा होता है, उन्हें जन्म के बाद एकमुश्त भुगतान दिया जाता है। जो प्रत्येक अगले बच्चे के जन्म के साथ दोगुना से अधिक हो जाता है।
यहां एक कमेटी बनी हुई है, जो बच्चों की देखभाल करती है। उन्हें बेस्ट फैसिलिटी देती है, ताकि उनका मानसिक और शारीरिक विकास ठीक से हो सके। नागी हमेशा ऐसा नहीं था। सिर्फ 5 साल पहले यहां भी जापान के अन्य शहरों की तरह जन्मदर काफी कम थी। लेकिन इसी बीच सरकार ने अहम ऐलान किया। सरकार कपल्स को बच्चे पैदा करने पर इनाम के तौर पर लाखों रुपये देने लगी। दिलचस्प बात यह थी कि यह राशि हर बच्चे के जन्म के साथ बढ़ जाती थी। पहला बच्चा हुआ तो 60 हजार रुपये और अगर आपने 5वां बच्चा किया तो 2.5 लाख रुपये मिलने लगे। उसके बाद स्थिति बदल गई। जापान के अन्य शहरों में जहां जन्मदर दोगुनी है तो नागी शहर तीन गुनी। यह चमत्कार से कम नहीं। उसके बाद लोग यहां बच्चे पैदा करने और उन्हें पालने के गुर सीखने आने लगे।हालात ये हैं कि लोग यहां पर अपने बच्चों का दाखिला तक कराते हैं। इन बच्चों को सालाना 80 हजार से डेढ़ लाख रुपये रुपये वजीफा दिया जाता है।जिन लोगों को यहां बच्चा पैदा होता है, उन्हें जन्म के बाद एकमुश्त भुगतान दिया जाता है। जो प्रत्येक अगले बच्चे के जन्म के साथ दोगुना से अधिक हो जाता है।