आज भास्कर : अर्थराइटिस एक बेहद दर्दनाक बीमारी है। जिसकी वजह से जोड़ों में बहुत ज्यादा दर्द होता है। कुछ लोगों में ये तकलीफ इतनी बढ़ जाती है कि उनके जॉइंट्स बेकार हो जाते हैं, और फिर सर्जरी की जरूरत होती है। गठिया हड्डियों से संबंंधित रोग है। जिसमें मरीज के जोड़ों में दर्द और सूजन रहता हैं । गठिया एक बेहद दर्दनाक बीमारी है। जिसकी वजह से जोड़ों में बहुत ज्यादा जर्द होता है। गठिया, एक तरह का जॉइंट डिसॉर्डर है, जिसमें जोड़ों में सूजन, स्टिफनेस और गंभीर दर्द का कारण बनता है। गठिया एक बेहद दर्दनाक बीमारी है। जिसकी वजह से जोड़ों में बहुत ज्यादा दर्द होता है। कुछ लोगों में ये तकलीफ इतनी बढ़ जाती है कि उनके जॉइंट्स बेकार हो जाते हैं, और फिर सर्जरी की जरूरत होती है।
ठंड के दिनों में जोड़ों का दर्द कुछ लोगों के लिए मुसीबत बन जाता है। इस मौसम में जॉइंट पेन (Joint Pain in Winter) काफी हद तक बढ़ जाता है। इसकी वजह से चलना-फिरना, उठना-बैठना तक दूभर हो जाता है। अगर इसे कंट्रोल किया जाए तो कोई परेशानी नहीं होगी। अर्थराइटिस में जॉइंट पेन, सूजन के बाद जोड़ों में परमानेंट डैमेज तक हो सकता है इसके लिए लोग दवाओं से लेकर घरेलू उपचारों तक की मदद ले सकते हैं। कुछ आयुर्वेदिक टिप्स अपना सकते हैं –
क्या है इलाज : गठिया के पारंपरिक इलाज में दर्द को कम करने के लिए पेन किलर दवाएं, दर्द और सूजन दोनों को कम करने के लिए नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं और सूजन को कम करने और इम्यून सुस्टन को दबाने के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड शामिल हैं।
लंबे समय तक चलती है दवा : गठया रोगी को लंबे समय तक दवाओं के इस्तेमाल के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। फिजियोथेरेपी जोड़ों के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करने और गति की सीमा में सुधार करने के लिए निर्धारित है। कुछ मामलों में दर्द को कम करने और काम में सुधार करने के लिए जोड़ों को फिर से संरेखित करने के लिए सर्जरी की सिफारिश की जाती है। हालांकि, इसते भी कुछ साइड इफेक्ट्स हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, इसके तीन प्रकार होते हैं। अमावत, ऑस्टियो आर्थराइटिस और वातरक्ता । प्राचीन विज्ञान का मानना है कि शरीर में घूमने वाले अतिरिक्त वात या अमा जोड़ों में जमा हो जाते हैं, जिससे सूजन पैदा होती है, जिसकी वजह से गठिया होता है।
गठिया होने की अलग-अलग वजह है
- अमावत या रुमेटीइड गठिया अनुचित पाचन के कारण अमा नामक मेटाबाॉलिज्म अपशिष्ट के गठन का परिणाम है।
- ऑस्टियोआर्थराइटिस शरीर में वात की अधिकता के कारण होता है।
- मूवमेंट की कमी, भावनात्मक तनाव और अनुचित जीवन शैली कुछ अन्य कारण हैं।
- जड़ी बूटियां कर सकती हैं मदद : इसमें आहार, मालिश और रिलेक्सिंग एक्टिविटी में संशोधन शामिल है।
- यह किसी भी प्रकार के गठिया के प्रबंधन के लिए जोड़ में पूर्ण गति और लचीलेपन के लिए योग पर जोर देता है। अश्वगंधा, बोसवेलिया, अदरक, गुग्गुलु, शतावरी, त्रिफला और हल्दी जैसी जड़ी-बूटियां निर्धारित हैं।
अर्थराइटिस के दर्द से छुटकारा पाने के कुछ उपाय
- स्वस्थ और पौष्टिकता से भरपूर खाना ही खाएं।
- जोड़ों के दर्द को कम करने हीटिंग पैड का इस्तेमाल करें।
- नियमित तौर पर एक्सरसाइज-योगा करें।
- तापमान कम होने पर शरीर में पानी की कमी न होने दें.रोजाना खाना खाएं, एसिडिक खाने से बचें।
- हरा सब्जियां, लौकी, करेला और सहजन अच्छे ऑप्शन हैं।
- इसके अलावा भिंडी, फूलगोभी, रतालू, कटहल और टमाटर जैसी सब्जियों से परहेज करें।
- सेब, पपीता और अमरूद जैसे ताजे फल शामिल करें। वहीं सूखे अंगूर और अंजीर को रात भर भिगोकर रख दें और सुबह खा लें।