सावधान....पार्टी के नेता और प्रत्याशी की मंशाओं को भाँपकर मतदान करने जाएगा मतदाता - Aajbhaskar

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Thursday, October 26, 2023

सावधान....पार्टी के नेता और प्रत्याशी की मंशाओं को भाँपकर मतदान करने जाएगा मतदाता



सत्यदेव चतुर्वेदी राजनीतिक समीझक

दशहरा बीता -सबने सुनाई गीता -अब कीचड़ डालेंगे -देखेंगे कौन जीता


आज भास्कर, कटनी : 
भीड़-भाड़ वाले विजयादशमी पर्व की बेला बीत गई अब अपनी सत्ताधानी में लौटकर दीप जलाने का पर्व मनाना है l वैसे दलदल के कार्यकर्ता -प्रत्याशी जुलूस में शामिल हुए भले-भलाई की बातें दोहराईं और दोनों हाथों से फूल बरसाए लेकिन अब चुनाव मैदान में उतरकर कीचड़ उछाला जाएगा , निंदा के गीत गाए जाएंगे , स्वमहिमा का जाप किया जाएगा , मतदाता को लुभाने के लिए तरह-तरह का नाच दिखाया जाएगा और परिणाम आने तक यह यक्ष -प्रश्न बना रहेगा कि - क्या समर्थक साथियों का असंतोष शांत हो चुका है ? अथवा पार्टी और खुद प्रत्याशी के विरुद्ध विरोध की धधकती लपटें मंद हो चुकी हैं ? सनद रहे कि पिछले दिनों बहोरीबंद में दिग्गी -नाथ - अजय सिंह के पोस्टर असंतुष्ट आर्मी ने सड़क पर जलाए थे l यह सब देखकर मतदाता भी यह गणित समझ चुका है कि उसके आक्रोश को भाँपकर कांग्रेस के बुढ़उ नेताओं के मन में अपने-अपने पुत्रों का राजतिलक करवाने की इच्छा भड़क उठी है और उनकी यह मंशा उनके द्वारा टिकट वितरण में किए गए घनघोर परिवारवाद से जाहिर भी होती चली गई है l

कांग्रेस ने परिवारवाद को पोसा -उधर वंशवादियों ने भाजपा को कोसा

भाजपा कांग्रेस दोनों के प्रत्याशी चयन पर असंतोष के स्वर उग्र हैं l उनके दफ्तर में हंगामा प्रदर्शन हो रहा है कहीं उनके नेताओं के पुतले जलाए जा रहे हैं l कटनी जिले की बहोरीबंद विधानसभा में भी दिग्गी -नाथ -अजय के पोस्टर बैनर जलाए गए इधर कटनी के असंतुष्ट कांग्रेस जनों ने भी दिग्गी - कमलनाथ का मानसिक पुतला दहन जारी रखा है l भाजपा में बगावत का दौर चल रहा है लेकिन उसके टिकट वितरण में परिवारवाद पर घन बरसाए गए हैं l टिकट बंटवारे में भाजपा की ओर से देखें तो उनके मंत्री सांसद अपने पुत्रों के लिए टिकट मांग रहे थे lइस कुप्रथा को थामने के लिए नेतृत्व परिवर्तन आवश्यक था जो भाजपा ने टिकट वितरण से संकेत दे दिए हैं l नरेंद्र तोमर कमल पटेल गोपाल भार्गव कैलाश विजयवर्गीय डॉ मिश्रा प्रभात झा माया सिंह आदि नेताओं को परिवारवाद की जकड़न से मुक्त कर दिया गया है और सांसद मंत्रियों को विधानसभा चुनाव में उतार दिया है ल

खाए -अघाए मंत्री पैसा बहाएंगे

भाजपा ने जिस तरह परिवारवाद को कुंठित करते हुए मंत्री सांसदों को चुनाव लड़वाया है उसमें एक दूरदर्शिता यह भी है कि लंबे समय से खाए अघाए मंत्री चुनाव लड़ेंगे तो पानी की तरह पैसा भी बहाएंगे , पैसा बहाने से जमीन पर चलने वाला कार्यकर्ता निराश नहीं होगा l


जनता भड़ास निकालेगी तो भी मिलेगी मुक्ति

भाजपा जानती है कि उसके खाए अघाए सांसद मंत्री के ऊपर जनता यदि अपनी भड़ास भी निकालती है तो भी पार्टी को यह लाभ होगा कि परिवारवाद से संक्रमित नेताओं से से पार्टी को स्थाई तौर पर मुक्ति मिल जाएगी l वैसे भी मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल के अनेक सदस्य खुद लड़ने की बजाय पुत्र पुत्री को टिकट दिलाने के लिए प्रयत्नशील थे l भाजपा ने यह व्यूह रचा कि इस परिवर्तन की लहर में सारे परिवारवादी निपट जाएंगे तो 2024 चुनाव में नए सांसद प्रत्याशी सामने आएंगे lसाफ लगता है कि भाजपा का लक्ष्य 2023 का चुनाव जीतना कम और 2024 के चुनाव पर फोकस रखना प्रमुख है l साथ ही पीएम पद के लिए चुनौती बन रहे वरिष्ठ चेहरे भी " डिलीट " हो जाएंगे l भाजपा की इस नीति से वंशवादी भाजपाई नेता खुद पार्टी को कोस रहे हैं l

पुत्रों के राजतिलक संस्कार की मंशा है कांग्रेसी परिवारवाद में

भाजपा से ज्यादा कांग्रेस में टिकट वितरण को लेकर असंतोष है l सर्वे में जनाक्रोश के दम पर सत्ता में लौटने के संकेतों से दूरदर्शी बुढऊ नेताओं में अपने-अपने पुत्र के राजतिलक करवाने की मंशा उफान भरने लगी है और उन्होंने टिकट वितरण में परिवारवाद को खूब खाद -पानी डाला है l बंटाढार नीति के जनक ने अपने बेटे- भाई- भतीजे और अंध समर्थकों को टिकट दिलवा दी है l यह सब विचार कटनी के चिंतक मतदाताओं के हैं जो विभिन्न स्थानों पर होने वाली गंभीर चर्चा में व्यक्त किए जा रहे हैं l जाहिर है कि यहां का मतदाता प्रत्याशी को चुनने के पहले राजनीतिक दलों के नेताओं की मंशा को पढ़ रहा है और उसके बाद अपने मत का प्रयोग करने जा रहा है l