सत्यदेव चतुर्वेदी राजनीतिक समीझक
दशहरा बीता -सबने सुनाई गीता -अब कीचड़ डालेंगे -देखेंगे कौन जीता
आज भास्कर, कटनी : भीड़-भाड़ वाले विजयादशमी पर्व की बेला बीत गई अब अपनी सत्ताधानी में लौटकर दीप जलाने का पर्व मनाना है l वैसे दलदल के कार्यकर्ता -प्रत्याशी जुलूस में शामिल हुए भले-भलाई की बातें दोहराईं और दोनों हाथों से फूल बरसाए लेकिन अब चुनाव मैदान में उतरकर कीचड़ उछाला जाएगा , निंदा के गीत गाए जाएंगे , स्वमहिमा का जाप किया जाएगा , मतदाता को लुभाने के लिए तरह-तरह का नाच दिखाया जाएगा और परिणाम आने तक यह यक्ष -प्रश्न बना रहेगा कि - क्या समर्थक साथियों का असंतोष शांत हो चुका है ? अथवा पार्टी और खुद प्रत्याशी के विरुद्ध विरोध की धधकती लपटें मंद हो चुकी हैं ? सनद रहे कि पिछले दिनों बहोरीबंद में दिग्गी -नाथ - अजय सिंह के पोस्टर असंतुष्ट आर्मी ने सड़क पर जलाए थे l यह सब देखकर मतदाता भी यह गणित समझ चुका है कि उसके आक्रोश को भाँपकर कांग्रेस के बुढ़उ नेताओं के मन में अपने-अपने पुत्रों का राजतिलक करवाने की इच्छा भड़क उठी है और उनकी यह मंशा उनके द्वारा टिकट वितरण में किए गए घनघोर परिवारवाद से जाहिर भी होती चली गई है l
आज भास्कर, कटनी : भीड़-भाड़ वाले विजयादशमी पर्व की बेला बीत गई अब अपनी सत्ताधानी में लौटकर दीप जलाने का पर्व मनाना है l वैसे दलदल के कार्यकर्ता -प्रत्याशी जुलूस में शामिल हुए भले-भलाई की बातें दोहराईं और दोनों हाथों से फूल बरसाए लेकिन अब चुनाव मैदान में उतरकर कीचड़ उछाला जाएगा , निंदा के गीत गाए जाएंगे , स्वमहिमा का जाप किया जाएगा , मतदाता को लुभाने के लिए तरह-तरह का नाच दिखाया जाएगा और परिणाम आने तक यह यक्ष -प्रश्न बना रहेगा कि - क्या समर्थक साथियों का असंतोष शांत हो चुका है ? अथवा पार्टी और खुद प्रत्याशी के विरुद्ध विरोध की धधकती लपटें मंद हो चुकी हैं ? सनद रहे कि पिछले दिनों बहोरीबंद में दिग्गी -नाथ - अजय सिंह के पोस्टर असंतुष्ट आर्मी ने सड़क पर जलाए थे l यह सब देखकर मतदाता भी यह गणित समझ चुका है कि उसके आक्रोश को भाँपकर कांग्रेस के बुढ़उ नेताओं के मन में अपने-अपने पुत्रों का राजतिलक करवाने की इच्छा भड़क उठी है और उनकी यह मंशा उनके द्वारा टिकट वितरण में किए गए घनघोर परिवारवाद से जाहिर भी होती चली गई है l