आज भास्कर, सिहोरा: खितौला में सैकड़ों की संख्या में दौड़ रहे बेलगाम ऑटो चालकों की मनमानी के आगे प्रशासन भी नतमस्तक नजर आ रहा है। आपकों जानकारी के लिए बता दे की सिहोरा खितौला में लगभग पांच सौं से अधिक आटों दिनभर धमाचौकडी करते नजर आते है l लेकिन इन पर लगाम कसने वाला प्रशासन मौन धारण किए बैठा है।सिहोरा खितौला और आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर ऑटो बिना परमिट और बिना अनुमति के धड़ल्ले से दौड रहे है l और किसी के पास फुर्सत नहीं की इन आटों चालकों से पममिट, फिटनेस, एनओसी, लायसेंस, और बीमा की जांच कर ले। और नजर मार ले की किन आटों चालकों के पास परमिट है या नहीं है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सिहोरा खितौला में इन दिनों कटनी, खमरिया और घाना के आटो बेखौप दौड़ रहे है। अधिकतर आटों चालकों के पास परमिट तक नहीं है और सिहोरा खितौला में अगर कोई दुर्घटना घट जाती है, तो उन आटों में सवार यात्रियों को राहत राशि तक नहीं मिलती है और साथ ही अनेक आटों तो ऐसे है जिनका बीमा भी नही है l लेकिन इन सब पर नजर रखने वाला प्रशासन हाथ पर हाथ धरे किसी बड़ी अन्होनी के इंतजार में बैठा है।
एक यात्री ने जानकारी देते हुए बताया कि उसके द्वारा रेल्वे स्टेशन खितौला में एक ऑटो चालक द्वारा सिहोरा जाने के लिए 30 रू की मांग की जा रही थी l जब सवारी द्वारा बोला गया की 10 रू किराया लगता है तब उस आटों चालक द्वारा यात्री को ले जाने से मना कर दिया गया। इससे साफ प्रतीत होता है l आटों चालकों द्वारा मनमानी करते हुए अवैध किराया की बसूली भी धड़ल्ले से की जा रही हैं परंतु इनकों देखने किसी को फुर्सत नहीं है
जानकारी अनुसार अधिकतर आटों चालकों के पास तो लायसेंस वर्दी तक नहीं है l फिर भी धड़लले से आटों दौडाए जा रहे है
गत माह श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर थाना सिहोरा में एसडीम धीरेन्द्र सिंह, एसडीओपी पारूल शर्मा, तहसीलदार शशांक दुबे, थाना प्रभारी सिहोरा विपिन बिहारी सिंह सहित गणमान्य जनों की उपस्थिती में आयोजित शांति समिति की बैठक में अवैध रूप से बिना परमिट और बीमा के चल रहे आटौ चालको पर कार्यवाही को लेकर चर्चा के दौरान शासन प्रशासन के अधिकारियों ने जल्द कार्यवाही करने की बात भी कही गई थी लेकिन आज तक कोई कार्रवाई ना होना प्रशासन की अनदेखी को दर्शाता है
आमजनों ने प्रशासन से मांग की है कि इन अवैध रूप से संचालित बिना परमिट और बीमा के चल रहे आटों चालकों पर कठोर कार्यवाही की जाए
शरद सेठ