मृतकों के परिजन मौत का कारण डेंगू ही मान रहे हैं। वहीं जिला मलेरिया विभाग का दावा है कि अब तक डेंगू से किसी की मौत नहीं हुई है। जानलेवा डेंगू के मामले में लापरवाही भी बरती जा रही है। शासकीय व निजी अस्पतालों में रोजाना डेंगू के मरीज पहुंच रहे हैं। अघोषित तौर पर सितंबर माह में 14 मामले सामने आए हैं लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा डेंगू पाजीटिव मरीजों की जानकारी नहीं दी जा रही है।
गत दिवस स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे अस्पतालों को नोटिस जारी कर डेंगू के मरीजों की जानकारी तलब की है। वहीं नगर निगम भी डेंगू की रोकथाम के लिए कीटनाशक दवाओं का छिड़काव नहीं करवा रहा है। फागिंग मशीन से धुंआ और कीटनाशक का छिड़काव सिर्फ वीवीआइपी क्षेत्रों तक सिमट कर रह गया है।
सघन मलीन बस्तियों में नहीं दिख रही निगम की टीम
नगर निगम का दावा है कि शहर में नौ टीम कीटनाशक दवाओं के साथ ही मच्छरों का खात्मा करने फागिंग मशीन चलवा रही है। लेकिन हकीकत ये है कि उपनगरीय क्षेत्र, मलिन बस्तियों में टीमें नजर नहीं आ रही है। वहीं नाले-नालियों की सफाई भी नियमित रूप से नहीं हो रही है।विदित हो कि दो वर्ष पहले भी नगर निगम की इसी उदासीनता के कारण डेंगू ने शहर में कहर बरपाया था। रांझी उपनगरीय क्षेत्र डेंगू का हाट स्पाट था। वहीं चेरीताल में चिकनगुनिया ने तांडव मचाया था।
अब तीन अक्टूबर से चलेगा अभियान
सरकारी रिकार्ड में डेंगू के भले ही आठ मामले बताए जा रहे हैं। लेकिन जमीनी तौर पर डेंगू, मलेरिया के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब मलेरिया विभाग के साथ ही नगर निगम का स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड में आ गया है। स्वास्थ्य विभाग ने जहां घर-घर सर्वे कर बुखार से पीडि़तों की जानकारी जुटाना शुरु कर दी है वहीं नगर निगम का स्वास्थ्य विभाग भी तीन अक्टूबर से इन घातक बीमारियों की रोकथाम के लिए सघन अभियान शुरू करने का दावा कर रहा है।#aajbhasker, #jabalpur,