70 साल की उम्र पार, फिर भी पद पर विराजमान, ससुर के लिए दामाद ने नियमो को रखा ताक पर - Aajbhaskar

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Saturday, May 3, 2025

70 साल की उम्र पार, फिर भी पद पर विराजमान, ससुर के लिए दामाद ने नियमो को रखा ताक पर

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भाजपा के नेता खेल रहे गन्दा खेल 

जबलपुर से वरिष्ठ पत्रकार दिग्विजय सिंह की रिपोर्ट

आज भास्कर\जबलपुर। पूर्व सीएम शिवराज सिंह और उनके बालाघाट निवासी पूर्व कृषिमंत्री गौरीशंकर बिसेन (गोंदिया के रिश्ते में पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व कृषिमंत्री दोनों साढू भाई लगते हैं।) के भाई पूर्व कुलगुरु प्रदीप कुमार बिसेन की बहू डॉक्टर धारणा रामकिशोर टेंभरे बिसेन को अशासकीय सेवा से शासकीय सेवा में प्रतिनियुक्ति पर लेने वाले अधिकारियों की सूची आज 32 वें अंक में दे रहे हैं।

आज से लगभग 8 वर्ष पूर्व वर्ष 21 जुलाई 2017 मे आहुत कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर की प्रशासनिक परिषद की 166 वीं बैठक 21.07.2017 में शामिल प्रथम श्रेणी राजपत्रित अधिकारियों के नाम इस प्रकार हैं । पूर्व कुलगुरु डॉक्टर विजय सिंह तोमर, दूसरे नंबर पर हैं वर्तमान कुलगुरु और पूर्व डीन फैकेल्टी डॉक्टर प्रमोद कुमार मिश्रा, तीसरे नंबर पर हैं डीन फैकेल्टी आफ एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कॉलेज डॉक्टर राजेंद्र कुमार नेमा, चौथे नंबर पर हैं डीन कॉलेज आफ एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग डॉ राजेंद्र कुमार नेमा, पांचवें नंबर पर है डॉक्टर धीरेंद्र खरे डीन इंस्ट्रक्शन, छठवें नंबर पर भी डॉक्टर धीरेंद्र खरे डीन और डायरेक्टर रिसर्च सर्विसेज, सातवें नंबर पर हैं धारणा के पति शरद बिसेन के पिता संचालक विस्तार सेवा अथवा सेवा विस्तार डॉक्टर प्रदीप कुमार बिसेन, आठवीं नंबर पर हैं प्रोफेसर एंड हेड सॉइल साइंस एंड एग्रीकल्चर केमिस्ट्री के डीन और हेड डॉक्टर बी सच्चिदानंद, नौवें नंबर पर हैं डीन ऑफ प्लांट पैथोलॉजी के प्रोफेसर एंड हेड डॉक्टर एसएन सिंह, दसवें नंबर पर हैं सीएएस प्रोफेसर सॉइल एंड वॉटर इंजीनियरिंग के डॉक्टर एसके प्यासी, 11वें नंबर पर है डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर डॉक्टर वीके प्यासी 12 वें नंबर पर है। डायरेक्टर फॉर्म डॉक्टर डीके मिश्रा वर्तमान में डॉक्टर डीके मिश्रा कहां है सेवानिवृत्ति के पश्चात क्या कर रहे हैं जानकारी नहीं है, 13 नंबर पर है जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के कुल सचिव डॉक्टर अशोक कुमार इंगले, यह सभी प्रशासनिक परिषद की 166 वीं बैठक 21 जुलाई 2017 में अंतरप्रांतीय स्तर पर महाराष्ट्र के गोंदिया की अशासकीय सहायक प्राध्यापक को मध्य प्रदेश की शासकीय सेवा में लेने का अनुमोदन करने वालों में शामिल हैं। 


प्रशासनिक परिषद के 15 सदस्यों में से जो दो लोग बैठक में शामिल नहीं हुए उसमें अनुभवी वित्त नियंत्रक और राज्य शासन के प्रतिनिधि अनिल केसरवानी और डॉक्टर ओम गुप्ता डीन कृषि कॉलेज जबलपुर है। दोनों ही संभवतः गहोई वैश्य समाज के हैं, जो कृषि विश्वविद्यालय में उपस्थित होते हुए भी मीटिंग में हस्ताक्षर करने इसीलिए नहीं पहुंचे क्योंकि यह दोनों हकीकत जानते थे की पूरी तरह से सामूहिक सुविचारित सुसंगठित षड्यंत्र के जरिए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज के चहेते पूर्व कृषिमंत्री गौरीशंकर बिसेन की बहू को शासकीय सेवा में लेने के लिए कूट अभिलेख अर्थात अभिलेखों में कूट रचना की जा रही है। 


अंदर की खबर यह है कि कृषिमंत्री गौरीशंकर बिसेन ने अनिल केसरवानी पर लगातार दबाव डाला था। इसी वजह से अनिल केसरवानी तत्काल तबादला लेकर अन्यत्र चले गए थे। अभी अनिल केशरवानी कहां है यह पता नहीं है लेकिन जहां कहीं भी होंगे यदि उनका कथन लिया जाए तो दो मिनट में वास्तविकता उजागर होते देर नहीं लगेगी,। यही बीजेपी का कथित फासीवादी चेहरा है जिसको लेकर कांग्रेस के लोग सार्वजनिक सभा में आरोप लगाते हैं।


अब हम आपको लेकर चलते हैं विश्वविद्यालय प्रमंडल की 221वीं बैठक 11.04.2018 में,  उपस्थित सदस्यों ने पूर्व कृषिमंत्री गौरीशंकर बिसेन के सगे कुटुंबी भाई पूर्व कुलगुरु और प्रमंडल की अध्यक्षता करने वाले डॉक्टर प्रदीप कुमार बिसेन के साथ प्रतिनियुक्ति पाने के 11 माह बाद समवलियन के अनुमोदन पर हस्ताक्षर किए हैं।(आरटीआई से पता चला है कि प्रतिनियुक्ति की न्यूनतम अवधि दो वर्ष से कम किसी कीमत पर नहीं होती है, लेकिन 11 माह बाद सम्विलियन किया है। यह अभी प्रशासनिक भ्रष्टाचार अपराध और जलसाजी को बता रहा है।)


प्रमंडल के अनुमोदन प्रस्ताव की अनुशंसा में मूलभूत नियम और मध्य प्रदेश शासन के नियमानुसार करने का लेख है, लेकिन पिछले तीन वर्षों से वर्तमान कुलगुरु डॉक्टर प्रमोद कुमार मिश्रा बार-बार पूछने पर भी यह नहीं बता पा रहे हैं कि मूलभूत नियम और मध्यप्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने किस तारीख को अशासकीय सेवक को शासकीय सेवा में अंतरप्रांतीय प्रतिनियुक्ति और संविलियन करने के नियम और मार्गदर्शन दिया है।


कुलगुरु डॉक्टर प्रमोद कुमार मिश्रा इस सामूहिक षड्यंत्र, कूटरचना, पद का दुरुपयोग कदाचरण, छल और छद्म , धोखाधड़ी जालसाजी फर्जीवाड़ा के मुख्य किरदार हैं।


बालाघाट में रहे तत्कालीन डीन गणेश कुमार कोतू, के मार्गदर्शन में कोतू के पूर्व अधिष्ठाता रहे अब सेवानिवृत विजय बहादुर उपाध्याय ने धरना का समविलियन का पत्र और प्रस्ताव 23. 03. 2018 तककालीन डीन फैकेल्टी वर्तमान कुलगुरु डॉक्टर प्रमोद कुमार मिश्रा के नाम पर भेजा है। जिस पर वर्तमान कुलगुरु प्रमोद कुमार मिश्रा ने 28.03.2018 को हस्ताक्षर कर प्रशासनिक परिषद की 171 वीं बैठक 07. 04. 2018 में रखने के लिए मास्टरमाइंड सहायक कुलसचिव विधि और बैठक बालाघाट निवासी प्रशांत श्रीवास्तव को सौंपा है।।


प्रशांत श्रीवास्तव ने लोक सूचना में 171 वीं प्रशासनिक परिषद में उपस्थित सदस्यों का उपस्थिति पत्रक आरटीआई में मांगने पर नहीं दिया है।


इससे यह आशंका बलवती होती है कि प्रशांत श्रीवास्तव ने 171वीं प्रशासनिक परिषद की बैठक 07. 04. 2018 की हवाई प्रोसिडिंग अर्थात झूठी और फर्जी लिखा पड़ी की है, क्योंकि 171 वीं प्रशासनिक परिषद में किन-किन अधिष्ठाता के हस्ताक्षर हैं यह पता नहीं चल पा रहा है। लेकिन धारणा की प्रतिनियुक्ति और संविलियन की आरटीआई से प्राप्त फाइल 104 / 39 दिनांक 09.05. 2024 मैं प्रमंडल की बैठक में उपस्थित सदस्यों का उपस्थितिपत्रक प्राप्त हुआ है। सत्ता की गुलामी करने वाले इन बड़े-बड़े नामचिन कृषि विशेषज्ञों के नाम पढ़िए और उनके मानसिक गुलामी के स्तर को पहचानिए।
 

सबसे पहला नाम है प्रमंडल की अध्यक्षता करने वाले मंत्री गौरीशंकर बिसेन के भाई पूर्व कुलगुरु डॉक्टर प्रदीप कुमार बिसेन, दूसरे नंबर पर हस्ताक्षर हैं वित्त सचिव मध्यप्रदेश शासन भोपाल की ओर से बिना बुलाए मेहमान सिवनी निवासी संयुक्त संचालक जिला कोषालय कलेक्ट्रेट जबलपुर, वीएस ठाकुर,वर्तमान में अभी जिला के संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा जबलपुर में संयुक्त संचालक रोहित सिंह कौशल हैं , धारणा को दिया गया छठवां वेतनमान ,सातवां वेतनमान और जबलपुर से वर्ष 2017 में शरद बिसेन द्वारा खरीदी गई सर्विस बुक में 4 साल पुरानी (गोंदिया के अशासकीय कॉलेज में धारणा की नियुक्ति 10.09. 2012 पदभारग्रहण 14.09. 2012 और प्रतिनियुक्ति पर बालाघाट के लिए रिलीविंग अर्थात डीबी साइंस कॉलेज गोंदिया से पदमुक्त होने की कथित तारीख 24. 08. 2017 तक की प्रविष्टि ।) गोंदिया स्थित डीबी साइंस कॉलेज की तमाम एंट्री अर्थात प्रविष्टियों की जांच का आवेदन, शिकायत सौंपी है।


प्रमंडल की बैठक में हस्ताक्षर करने वाला तीसरा नाम है जबलपुर के भाजपा नेता डॉक्टर अविनाश खत्री निवासी 1413 /बी - 1 गुप्तेश्वर रोड जबलपुर, हस्ताक्षर करने वाला चौथा नाम है अश्विनी सिंह चौहान 11 / 5 अलकनंदा नगर उज्जैन, छठवां नाम है आशा अरुण यादव उज्जैन, सातवां नाम है भोपाल के पद्मनाभ नगर निवासी डॉक्टर बी एन सिंह मकान नंबर a/,45, हस्ताक्षर करने वालों में आठवां नाम है विजय यादव निवासी डाली बाबा चौक के पास सतना, नवा नाम है उत्तरांचल के पंतनगर रूद्रपुर जिला के प्रभाशंकर शुक्ला, सहायक प्राध्यापक, कृषि अभियांत्रिकी गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हस्ताक्षर करने वालों में दसवां नाम अत्यंत महत्वपूर्ण है रीवा के ुरहट से विधायक चुने गए और बाद में वर्ष 2022 के आसपास मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए विधायक गिरीश गौतम

विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के कार्यकाल में ही पूरा मुद्दा विधानसभा ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 57 के माध्यम से उठा था इस पूरे मामले में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा के ससुर वर्तमान कुलगुरु डॉक्टर प्रमोद कुमार मिश्रा ने लीपापोती करके उल्टा सीधा जवाब विधानसभा में भिजवा कर भाजपा के वर्तमान विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को फंसा दिया है। विधानसभा में झूठी और गलत जानकारी देना भ्रमित करने वाली जानकारी देना आधी अधूरी जानकारी देना एक सोचा समझा पूर्व नियोजित षड्यंत्र है ,अपराध है, अपने आप को बचाने के लिए वर्तमान कुलगुरु डॉक्टर प्रमोद कुमार मिश्रा ने पूरा का पूरा उतारा, नींबू और मिर्ची सहित प्रमंडल की बैठक 24.02.2001 के अनुसार पूर्व कुलपति डॉक्टर प्रदीप कुमार बिसेन पर फेंक दिया है। और यह बताने की कोशिश करने में कामयाब रहे कि वह पूरी तरह से पाक साफ हैं, लेकिन शासकीय अभिलेख 21.07.2017 पत्र 23.03.2018 सीना तानकर बोल रहे हैं कि शिवराज और गौरीशंकर के हर कदम से पीके मिश्र वाकिफ थे, इसीलिए बाद में अपने दामाद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा के सहयोग और समर्थन से 70 वर्ष की निर्धारित कुलपति की आयु योग्यता के पूर्ण होने के बाद भी ठाठ से पीके मिश्रा कुलगुरु के पद पर बैठे हुए हैं। इसे ही हम सत्तापक्ष का भ्रष्टाचार और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा की मदद से मलाई खाना कह रहे हैं।


इसे हम अगले किसी अंक में विस्तार से स्पष्ट करेंगे कि कुलपति डॉक्टर प्रमोद कुमार मिश्रा और उनके खास तोताराम शर्मा पर क्या आरोप हैं।


अशासकीय सेवक की शासकीय सेवा में अंतरप्रांतीय संविलियन की कार्रवाई में हस्ताक्षर करने वाला 11बां और अंतिम नाम है कुलसचिव अशोक कुमार इंग्ले।


अगले अंक 33 वे में आप पढ़ेंगे, कृषि विश्वविद्यालय के कुलसचिव कार्यालय के स्टाफ का नाम, उपकुलसचिव विधि और बैठक का नाम, स्थापना एक और दो में फाइल डील करने वालों के नाम, कुलपति कार्यालय में पदस्थ कुलपति सचिवालय में फाइल डील करने वाले सचिव, pa 2 कुलपति का नाम जिन्होंने बड़े हंसते-हंसते विधानसभा भोपाल को भ्रमित करने वाला जवाब भेजा है और जो पूरी तरह इस 420/316 धोखाधड़ी, जालसाजी, शासकीय धन के अमानत में ख़यानत 332 से 336 के प्रकरण में खुशी-खुशी शामिल हुए हैं। इनमें वर्ष 2016 से लेकर आज तक पदस्थ रहे बालाघाट के चार डीन और बिसेन गैंग का नाम भी आपको मिलेगा।