आज भास्कर, जबलपुर । मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने लेफ्टिनेंट कर्नल पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला मेजर को राहत देने से मना कर दिया है। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने कहा कि कोर्ट ऑफ इंक्वायरी पूरी हो चुकी है और याचिकाकर्ता महिला के खिलाफ कार्यवाही भी की गई है, ऐसे में कोर्ट इस मामले में दखल नहीं दे सकता।
महिला मेजर ने लगाया था यौन शोषण का आरोप
महिला मेजर ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि 2020 में जब उसकी सीओडी में पदस्थापना की गई, तो जनवरी 2021 से लेकर नवंबर 2021 तक लेफ्टिनेंट कर्नल ने उसे आपत्तिजनक टिप्पणियां की और शारीरिक रूप से पकड़ने की भी कोशिश की। महिला ने उच्च अधिकारियों से इसकी शिकायत की थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
आंतरिक शिकायत समिति ने महिला मेजर को दोषी पाया
7 अप्रैल 2021 को एक परीक्षा के दौरान फैकल्टी रूम में भी लेफ्टिनेंट कर्नल ने महिला मेजर से आपत्तिजनक बातें कीं। इसके बाद महिला ने आंतरिक शिकायत समिति में शिकायत दर्ज कराई। जांच के बाद, समिति ने 31 दिसंबर 2021 को महिला मेजर को दोषी ठहराया और कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए गए।
हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका
याचिकाकर्ता महिला ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने जांच पूरी होने और याचिकाकर्ता के खिलाफ चार्जशीट जारी होने के कारण इस मामले में कोई राहत देने से इनकार किया। मामले की सुनवाई के दौरान, केंद्र सरकार की ओर से डिप्टी सॉलिसिटर जनरल पुष्पेन्द्र यादव ने पक्ष रखा। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट किया कि जांच पूरी हो चुकी है और अब इस मामले में आगे कोई कदम उठाना संभव नहीं है। केंद्र सरकार की ओर से डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने भी पक्ष रखा।