जलवायु परिवर्तन का असर, समुद्री जीव संकट में, कोरल रीफ पर मंडराया खतरा - Aajbhaskar

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Tuesday, November 19, 2024

जलवायु परिवर्तन का असर, समुद्री जीव संकट में, कोरल रीफ पर मंडराया खतरा


जलवायु परिवर्तन के कारण अछूते आवासों में रहने वाले समुद्री जीव भी खतरे में हैं। इन्सानी गतिविधियों के कारण कोरल पर सबसे अधिक संकट गहराता दिखाई दे रहा है। समुद्री जीव-जंतुओं के विलुप्त होने के साथ उन पर भी खतरा मंडरा रहा है जो प्राचीन समुद्री आवासों और विविध तटीय इलाकों में रहते हैं।

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के साथ सांता बारबरा और उनके सहयोगियों के शोध में यह खुलासा हुआ है। इसे ओपन एक्सेस जर्नल प्लोस वन में प्रकाशित किया गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि धरती और समुद्र पर मानवीय गतिविधियां, जलवायु परिवर्तन के साथ मिलकर तटीय पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट कर रही हैं। कई प्रजातियों के विलुप्त होने के खतरे को बढ़ा रही हैं और अहम पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के लिए खतरा पैदा कर रही हैं, जिन पर कि मनुष्य निर्भर हैं। लगभग 42 फीसदी समुद्री स्तनधारी और करीब 60 फीसदी समुद्री पक्षी विलुप्त होने के खतरे में हैं। इसका एक कारण यह भी है कि जिन आवासों पर वे निर्भर हैं उनमें से कई का आकार घट रहा है या उन्हें नुकसान पहुंच रहा है।

कोरल सबसे अधिक खतरे वाले समूह हैं। इनमें में स्क्विड व ऑक्टोपस जैसे मोलस्क, समुद्री सितारे व समुद्री अर्चिन जैसे इचिनोडर्म और झींगा, केकड़े व झींगे जैसे क्रस्टेशियन भी भारी खतरे में माने गए हैं। समुद्र की सतह का तापमान बढ़ना, समुद्र तल में कमी और बारिश में बदलाव के कारण लवणता में वृद्धि ये सभी अल नीनो जैसे मौसम पैटर्न के कारण हो सकते हैं। इन स्थितियों का कोरल के शरीर विज्ञान पर विनाशकारी प्रभाव पड़ रहा है।