घटना की जड़ तब पड़ी जब अरुण सिंह ने आनंद की बहन पर अश्लील टिप्पणी की। उसने अपने दोस्तों से कहा कि उसे आनंद की बहन पसंद है और वह उसे अपनी गर्लफ्रेंड बनाकर रहेगा। इस बात से नाराज आनंद ने अपनी बहन की इज्जत बचाने और बदला लेने का संकल्प लिया। लेकिन सीधा टकराव करने के बजाय, उसने चालाकी से अरुण से दोस्ती कर ली। आनंद ने यह दिखावा किया कि पुराने झगड़े भुलाकर वह दोस्त बनना चाहता है, जबकि उसका असली मकसद अरुण की हत्या करना था।
1 अक्टूबर 2024 की रात, आनंद ने अरुण को फ्री फायर गेम खेलने के बहाने बुलाया। तीन दोस्त—अरुण, आनंद और राघवेंद्र—चबूतरे पर बैठे और गेम खेलते रहे। फिर आनंद ने अरुण को अकेले तालाब के पास बुलाया। वहां, घने अंधेरे का फायदा उठाकर आनंद ने लोहे के पाना से अरुण के सिर पर वार किया और फिर उसे तालाब में धक्का दे दिया। हत्या के बाद आनंद अपने घर चला गया, मानो कुछ हुआ ही न हो।
अरुण के लापता होने पर उसके परिवार ने उसे ढूंढना शुरू किया। अरुण के पिता और भाई ने आनंद से पूछा तो उसने बताया कि वे चबूतरे पर बैठे थे, फिर अपने-अपने घर चले गए। अगले दिन, जब पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई, तो आनंद भी अरुण के परिवार के साथ उसकी तलाश करने का नाटक करने लगा। वह गांव और आसपास के इलाकों में अरुण की तलाश में मदद करता रहा ताकि उस पर किसी को शक न हो।
9 अक्टूबर को, जब अरुण के लापता होने को 8 दिन बीत चुके थे, कुछ ग्रामीणों ने तालाब के पास से गुजरते समय बदबू महसूस की। नजदीक जाकर देखा तो तालाब में एक शव तैरता मिला, जिसकी पहचान अरुण के रूप में हुई। पुलिस ने शव को बाहर निकाला और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि अरुण की मौत सिर और कंधे पर लोहे की किसी ठोस वस्तु से वार के कारण हुई थी।
पुलिस को शुरू में अरुण की हत्या के बारे में कोई ठोस सुराग नहीं मिला। लेकिन जब उन्होंने अरुण और आनंद के मोबाइल की कॉल डिटेल्स खंगालीं, तो पता चला कि 1 अक्टूबर की रात करीब सवा 9 बजे आनंद और अरुण के बीच एक मिनट की बातचीत हुई थी। इसके बाद आनंद ने अपनी गर्लफ्रेंड से करीब 15 मिनट तक बात की। ये कॉल डिटेल्स और लोकेशन ट्रेस करने के बाद पुलिस को शक हुआ कि अरुण की हत्या में आनंद का हाथ हो सकता है।
पूछताछ के दौरान आनंद ने पुलिस के सामने सारी सच्चाई उगल दी। उसने बताया कि अरुण उसकी बहन पर गंदी नजर रखता था और उसे अपनी गर्लफ्रेंड बनाने की धमकी देता था। आनंद को लगा कि अगर उसने अरुण का सामना किया तो उसकी बहन और परिवार की बदनामी होगी। इसलिए उसने अरुण को मारने का प्लान बनाया और उसे धोखे से दोस्ती के जाल में फंसाया। 1 अक्टूबर की रात उसे मौका मिला और उसने अपनी साजिश को अंजाम दे दिया।