बीजिंग । ब्राजील ने चीन की बीआरआई योजना से दूरी बनाते हुए इसमें शामिल नहीं होने का फैसला किया। यह चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) प्रोजेक्ट को बड़ा झटका माना जा रहा है। ब्राजील चीन की अरबों डालर की इस पहल में शामिल नहीं होने वाला दूसरा ब्रिक्स देश बन गया है। इससे पहले भारत ब्रिक्स समूह में इसका समर्थन नहीं किया था। ब्राजील के राष्ट्रपति लुला डा सिल्वा के विशेष सलाहकार सेल्सो एमोरिम ने मंगलवार को कहा कि ब्राजील बीआरआई में शामिल नहीं होगा, बल्कि चीनी निवेशकों के साथ साझेदारी के वैकल्पिक तरीके खोजेगा। उन्होंने कहा कि ब्राजील चीन के साथ संबंधों को एक नए स्तर पर ले जाना चाहता है, बिना किसी अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। एमोरिम ने कहा, हम कोई संधि नहीं कर रहे हैं। ब्राजील का यह फैसला चीन की इस योजना के विरोधाभासी है कि 20 नवंबर को चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की ब्रासीलिया की राजकीय यात्रा के दौरान इसे मुख्य रूप से अंजाम दिया जाए। भारत पहले ही बीआरआई पर अपनी चिंताओं को साफ कर चुका है। पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर में बन रहे चीन-पाकिस्तान इकोनामिक कारिडोर को लेकर भारत का यह भी कहना है कि बीआरआई प्रोजेक्ट अंतरराष्ट्रीय कानूनों और सिद्धांतों के खिलाफ है और हम उनका समर्थन नहीं कर सकते।
Wednesday, October 30, 2024
चीन को झटका, भारत के बाद ब्राजील बीआरआई प्रोजेक्ट में नहीं होगा शामिल
बीजिंग । ब्राजील ने चीन की बीआरआई योजना से दूरी बनाते हुए इसमें शामिल नहीं होने का फैसला किया। यह चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) प्रोजेक्ट को बड़ा झटका माना जा रहा है। ब्राजील चीन की अरबों डालर की इस पहल में शामिल नहीं होने वाला दूसरा ब्रिक्स देश बन गया है। इससे पहले भारत ब्रिक्स समूह में इसका समर्थन नहीं किया था। ब्राजील के राष्ट्रपति लुला डा सिल्वा के विशेष सलाहकार सेल्सो एमोरिम ने मंगलवार को कहा कि ब्राजील बीआरआई में शामिल नहीं होगा, बल्कि चीनी निवेशकों के साथ साझेदारी के वैकल्पिक तरीके खोजेगा। उन्होंने कहा कि ब्राजील चीन के साथ संबंधों को एक नए स्तर पर ले जाना चाहता है, बिना किसी अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। एमोरिम ने कहा, हम कोई संधि नहीं कर रहे हैं। ब्राजील का यह फैसला चीन की इस योजना के विरोधाभासी है कि 20 नवंबर को चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की ब्रासीलिया की राजकीय यात्रा के दौरान इसे मुख्य रूप से अंजाम दिया जाए। भारत पहले ही बीआरआई पर अपनी चिंताओं को साफ कर चुका है। पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर में बन रहे चीन-पाकिस्तान इकोनामिक कारिडोर को लेकर भारत का यह भी कहना है कि बीआरआई प्रोजेक्ट अंतरराष्ट्रीय कानूनों और सिद्धांतों के खिलाफ है और हम उनका समर्थन नहीं कर सकते।