आज भास्कर: जबलपुर से रायपुर तक नियमित ट्रेन चलाने की मांग पिछले आठ सालों से की जा रही है। लोकसभा चुनाव से पहले इस मांग को पूरा करने के लिए जबलपुर से रायपुर तक वंदेभारत ट्रेन चलाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था, लेकिन चुनाव के परिणाम आने के बाद यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया।
वर्तमान में जबलपुर से रायपुर जाने के लिए केवल एक ही ट्रेन, अमरकंटक एक्सप्रेस, उपलब्ध है। इस ट्रेन में भी वेटिंग टिकट पाना बेहद मुश्किल हो गया है। जबलपुर से बालाघाट होते हुए रायपुर तक वंदेभारत ट्रेन चलाने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा गया था।
वंदेभारत ट्रेन में स्लीपर कोच की कमी और यात्रा के अधिक समय की वजह से इस प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं मिल पाई। हालांकि, स्लीपर कोच की सुविधा शुरू होने के बाद इस रूट पर ट्रेन चलाने की मांग फिर से तेज हो गई है। रेल यात्रा समिति और जबलपुर के कई संगठन रायपुर तक सीधी ट्रेन चलाने की मांग कर रहे हैं।
रेलवे बोर्ड ने स्लीपर कोच के लिए वंदेभारत ट्रेन के नए रैक तैयार कर लिए हैं, लेकिन अब तक इसका रूट तय नहीं हुआ है। जबलपुर से रायपुर तक नई ट्रेन चलाने के प्रस्ताव पर भी अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
जबलपुर से बालाघाट होते हुए रायपुर तक स्लीपर कोच की वंदेभारत ट्रेन चलाने की मांग को लेकर जबलपुर मंडल और पश्चिम मध्य रेलवे जोन मंथन कर रहे हैं। इस रूट के सिंगल होने की वजह से नई ट्रेन चलाने के प्रस्ताव पर अब तक अमल नहीं हुआ है, लेकिन रूट को डबल किया जा रहा है।
जबलपुर से रायपुर के लिए सीधी ट्रेन न होने के कारण, अमरकंटक एक्सप्रेस में सीटें चार महीने पहले ही फुल हो जाती हैं, विशेषकर त्योहार के मौसम में। इससे यात्री सफर के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
यदि वंदेभारत स्लीपर कोच की ट्रेन चलाने का प्रस्ताव आता है तो इसे पश्चिम मध्य रेलवे जोन की मदद से रेलवे बोर्ड भेजा जाएगा। हालांकि, अंतिम निर्णय रेलवे बोर्ड और पीएमओ के द्वारा लिया जाएगा।