कोलकाता। पश्चिम बंगाल में IAS अधिकारी की पत्नी से बंदूक की नोंक पर दो बार रेप की चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। घटना 14 जुलाई और 15 जुलाई 2024 की रात की है, जब आरोपी ने महिला के घर में घुसकर पहले रात 11:30 बजे और फिर अगले दिन सुबह 6:30 बजे बंदूक की नोक पर दुष्कर्म किया।
घटना के बाद पीड़िता ने कोलकाता के लेक पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। FIR दर्ज करने में देरी के साथ-साथ पुलिस ने मामले से जुड़े महत्वपूर्ण सबूतों को जब्त करने और महिला की मेडिकल जांच कराने में भी लापरवाही बरती। पीड़िता को खुद अपनी मेडिकल जांच करानी पड़ी, जबकि पुलिस ने इसे घटना के 35 दिन बाद कराने की योजना बनाई।
कोलकाता हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस की जांच पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि FIR में सेक्शुअल असॉल्ट की धाराएं नहीं लगाई गईं, जिससे मामला कमजोर हुआ। अदालत ने यह भी पाया कि पुलिस ने आरोपी के घर से जुड़े CCTV फुटेज की जांच नहीं की और चार्जशीट में छेड़छाड़ की गई।
हाईकोर्ट ने पूरे पुलिस स्टेशन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए मामले की निष्पक्ष जांच का आदेश दिया है। इसके साथ ही, पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया गया है कि वे मामले में लापरवाही बरतने वाले पांच अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। अदालत ने आरोपी की जमानत को भी खारिज कर दिया है और जांच की जिम्मेदारी एक महिला डिप्टी कमिश्नर को सौंपी गई है।
पीड़िता ने बताया कि पुलिस ने न सिर्फ उनकी शिकायत को नजरअंदाज किया, बल्कि आरोपी के परिवार को पुलिस स्टेशन बुलाकर शिकायत वापस लेने का दबाव भी बनाया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने सबूतों को इकट्ठा करने में जानबूझकर देरी की, जिससे मामले में न्याय की उम्मीद और धुंधली हो गई।