मध्यप्रदेश , शहडोल : नवजातों के समुचित उपचार को लेकर दो दिवसीय प्रशिक्षण बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज में आयोजित किया गया। शिविर को संबोधित करते हुए अधिष्ठाता डॉ.जी.बी. रामटेके (इंटेरवेंसनल कार्डियोलॉजिस्ट) ने कहा कि जन्म के तुरंत बाद नवजात शिशुओं की सामान्य और आवश्यकता होने पर आकस्मिक देखभाल सही तरीके से की जाए तो उनमें होने वाले ह्रदय समेत अन्य गंभीर रोगों की पहचान आसानी से की जा सकती है। उन्होंने नवजात शिशुओं में जन्मजात होने वाली ह्रदय संबंधित विकृति की पहचान और उचित उपचार के लिए उचित स्थान पर भेजने के संबंध में बड़े ही सरल तरीके से बिस्तार में बताया। डॉक्टर रामटेके ने कहा कि भविष्य में इस तरह के होने वाले प्रशिक्षणों से प्रशिक्षित चिकित्सकों एवं नर्सिंग ऑफिसर द्वारा नवजात शिशुओं की प्रसव के समय होने वाली मृत्यु से बचाया जा सकेगा।
इससे पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलन से डॉ.जी.एस. परिहार सिविल सर्जन जिला अस्पताल द्वारा किया गया, तत्पश्चात वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.अशोक कुमार रावत (पूर्व विभागाध्यक्ष मेडिकल कॉलेज सागर), डॉ.उमेश नामदेव (सीनियर शिशु रोग विशेषज्ञ), डॉ.निशांत प्रभाकर (विभागअध्यक्ष मेडिकल कॉलेज, शहडोल) डॉ.स्वेतलीना (असिस्टेंट प्रोफ़ेसर शिशु रोग विभाग, मेडिकल कॉलेज, शहडोल) द्वारा जिले के विभिन्न प्रसव केंद्रों एवं नवजात शिशुओं के उपचार हेतु उपलब्ध विभिन्न इकाइयों (एन.आई.सी.यू ., एस. एन.सी. यू.एवं एन.बी.एस.यू ) पर कार्यरत चिकिसकों एवं नर्सिगऑफिसर को, प्रशिक्षण के अलग अलग माध्यमों का प्रयोग करते हुए कौशल आधारित प्रशिक्षण बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज शहडोल में आयोजित किया गया ।कार्यक्रम डॉ साबिर खान (अस्पताल प्रबंधक मेडीकल कॉलेज), विकास द्विवेदी, विनोद (डीपीएम) एवं इंडिया हेल्थ एवं एक्शन ट्रस्ट की राज्य तथा जिला स्तरीय टीम के सदस्य उपस्थित थे।