हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लि. (एचएएल) को रक्षा मंत्रालय से 156 हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टरों (एलसीएच) की खरीद के लिए 45,000 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला है। एचएएल ने शेयर बाजार नियामक सेबी को यह जानकारी दी है। रक्षा क्षेत्र में मेड इन इंडिया को बड़ा बढ़ावा के तहत यह बड़ी पहल है।कंपनी ने कहा है कि रक्षा मंत्रालय ने 156 एलसीएच की खरीद के लिए प्रस्ताव निवेदन (आएफपी) जारी कर दिया है। इनमें से 90 हेलिकॉप्टर थल सेना के लिए और 66 हेलिकॉप्टर भारतीय वायुसेना के लिए है। एलसीएच को प्रचंड के नाम से भी जानते हैं। यह दुनिया का ऐसा पहला लड़ाकू हेलिकॉप्टर है जो 16,400 फुट की ऊंचाई पर लैंड करने के साथ ही उड़ान भर सकता है। इस खूबी के चलते सियाचिन और पूर्वी लद्दाख के लिए इसे बहुत अहम माना जा रहा है।आईएनएस सूरत जल्द ही भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हो जाएगा। विशाखापत्तनम श्रेणी के इस विध्वंसक युद्धपोत को अत्याधुनिक तकनीक की मदद से निर्मित किया गया है और इसका पहला समुद्री परीक्षण भी शुरू हो चुका है। माना जा रहा है कि अगले वर्ष इसे कमीशन मिल जाएगा, जिससे देश की नौसैन्य क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। नौसेना ने सोमवार को सोशल मीडिया में इसकी कुछ तस्वीरें साझा करते हुए इसे आत्मनिर्भर भारत का एक शानदार प्रमाण बताया।
Tuesday, June 18, 2024
रक्षा मंत्रालय HAL से 45,000 करोड़ रुपये में 156 हेलिकॉप्टर खरीदेगा
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लि. (एचएएल) को रक्षा मंत्रालय से 156 हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टरों (एलसीएच) की खरीद के लिए 45,000 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला है। एचएएल ने शेयर बाजार नियामक सेबी को यह जानकारी दी है। रक्षा क्षेत्र में मेड इन इंडिया को बड़ा बढ़ावा के तहत यह बड़ी पहल है।कंपनी ने कहा है कि रक्षा मंत्रालय ने 156 एलसीएच की खरीद के लिए प्रस्ताव निवेदन (आएफपी) जारी कर दिया है। इनमें से 90 हेलिकॉप्टर थल सेना के लिए और 66 हेलिकॉप्टर भारतीय वायुसेना के लिए है। एलसीएच को प्रचंड के नाम से भी जानते हैं। यह दुनिया का ऐसा पहला लड़ाकू हेलिकॉप्टर है जो 16,400 फुट की ऊंचाई पर लैंड करने के साथ ही उड़ान भर सकता है। इस खूबी के चलते सियाचिन और पूर्वी लद्दाख के लिए इसे बहुत अहम माना जा रहा है।आईएनएस सूरत जल्द ही भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हो जाएगा। विशाखापत्तनम श्रेणी के इस विध्वंसक युद्धपोत को अत्याधुनिक तकनीक की मदद से निर्मित किया गया है और इसका पहला समुद्री परीक्षण भी शुरू हो चुका है। माना जा रहा है कि अगले वर्ष इसे कमीशन मिल जाएगा, जिससे देश की नौसैन्य क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। नौसेना ने सोमवार को सोशल मीडिया में इसकी कुछ तस्वीरें साझा करते हुए इसे आत्मनिर्भर भारत का एक शानदार प्रमाण बताया।