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मॉस्को। रूसी रक्षा मंत्रालय का दावा है कि अमेरिका अपने सहयोगी देशों का एक सैन्य गठबंधन बनाकर रूस पर हमला कर सकता है। अमेरिका के नेतृत्व में जॉइंट ऑपरेशनल फोर्स रूस के अहम सैन्य ठिकानों पर ग्लोबल स्ट्राइक कर सकते हैं। अमेरिकी और पश्चिमी देशों के हमले में फाइटर जेट और अलग-अलग तरह की मिसाइलों के साथ रूस पर अचानक और ज़ोरदार हमला होगा। पश्चिमी सैन्य गठबंधन का लक्ष्य एक साथ किए गए हमले में रूसी ठिकानों को तबाह करने का होगा। रूस के रक्षा मंत्रालय ने एक ऐसा खुलासा किया है, जिससे पूरी दुनिया में सनसनी मच गई है। रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक़ दो साल से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध में जल्द ही सबसे खतरनाक मोड़ आने वाला है। रूस-यूक्रेन युद्ध में पश्चिमी देशों के हरसंभव मदद के बावजूद यूक्रेन पीछे हटने को मजबूर है। रूस को रोकने के लिए नाटो सहयोगियों की तरफ से अलग-अलग तरह के प्रस्ताव दिए जा रहे हैं। फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां ने नाटो सैनिकों को यूक्रेन भेजने का प्रस्ताव दिया था। जर्मनी के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के हाल में लीक हुए आडियो के मुताबिक़ क्रीमिया पुल को उड़ाने के लिए जर्मनी में रणनीति बनाई जा रही थी। रूस का मानना है कि लगातार हो रही पराजय से अमेरिका एवं पश्चिमी देशों में बैचेनी है और ऐसे में एक सैन्य गठबंधन के नाम पर अमेरिका अपने कुछ सहयोगी देशों के साथ मिलकर रूस पर स्ट्राइक कर सकता है। अमेरिका और पश्चिमी देशों के इस सैन्य रणनीति का खुलासा रूसी रक्षा मंत्रालय ने अपने आधिकारिक पत्रिका में किया है। रूसी रक्षा मामलों के जानकारों के मुताबिक़ रूस और नाटो की सीधी जंग से पहले इस तरह का एक बड़ा और सरप्राइज़ हमला होने की बहुत अधिक संभावना है। अमेरिका के नेतृत्व में ज्वाइंट ऑपरेशनल फ़ोर्स बनाने की बात लगभग वैसी ही है जैसा कि मध्य-पूर्व में हूती विद्रोहियों से निपटने के लिए अमेरिका और सहयोगी देशों ने ओपरेशन गार्जियन बनाया है। जानकारों का मानना है कि इस तरह का गठबंधन अमेरिका या पश्चिमी देशों को यूक्रेन जंग में सीधी एंट्री का मौका भी दे देगी और नाटो के सभी देशों को इस युद्ध में शामिल होने की बाध्यता भी नहीं होगी।