![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjElKfSceJWrpOdRgcSwGh0651bP_HQ_Mzh538SJuOPExYoV_r-Q51smApdOYJNyDCNCYXwkj3Ml9mkO9xqQApXeM4FsqSklcnfiEP4IldkY-QhhUngV3xiWr5T69f2zg4ORxqxlmlsDWuvcj2ndi9Xs7MQFzJku9yHxGdZjUXz3-Bv5nBMAyWrn5lA4kIX/w640-h370/Screenshot_492.jpg)
सियोल । साउथ कोरिया में करीब 1600 डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए। इससे हेल्थ सेक्टर भारी दबाव में है। हड़ताल पर जाने डॉक्टर्स सरकार के उस फैसले का विरोध कर रहे हैं, जिसमें नए मेडिकल कॉलेजेस के जरिए डॉक्टर्स की भर्ती की जानी है। हड़ताल करने वाले डॉक्टर्स का कहना है कि इससे कॉम्पिटिशन बढ़ेगा और उनकी सैलरी भी कम हो जाएगी। साउथ कोरिया जैसे डेवलप्ड देश में मेडिकल फेसेलिटीज का हाल बुरा है। यहां एक हजार लोगों पर सिर्फ 2.5 डॉक्टर्स हैं। हेल्थ इंडेक्स के लिहाज से देखें तो मेडिकल फेसेलिटीज के लिहाज से साउथ कोरिया मैक्सिको के बाद दूसरे नंबर पर है।