नई दिल्ली। भारत से यूरोप के लिए डीजल की सप्लाई पिछले 2 सालों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। अमेरिकी मीडिया ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, लाल सागर में लगातार हो रहे हूतियों के हमलों के बीच अंतरराष्ट्रीय ट्रेड पर गहरा असर पड़ रहा है।एशिया से यूरोपीयन यूनियन और ब्रिटेन जाने वाले कार्गो के शिपिंग चार्ज बढ़ गए हैं। ऐसे में पश्चिमी देशों की जगह एशिया में ही माल भेजना ज्यादा किफायती हो गया है। ब्लूमबर्ग ने वोर्टेक्सा लिमिटेड के डेटा के हवाले से बताया- फरवरी के शुरुआती 2 हफ्तों में भारत से रोज करीब 18 हजार बैरल डीजल यूरोप पहुंचा। यह जनवरी में हुई औसत डिलीवरी से करीब 90 प्रतिशत कम है।
नई दिल्ली। भारत से यूरोप के लिए डीजल की सप्लाई पिछले 2 सालों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। अमेरिकी मीडिया ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, लाल सागर में लगातार हो रहे हूतियों के हमलों के बीच अंतरराष्ट्रीय ट्रेड पर गहरा असर पड़ रहा है।एशिया से यूरोपीयन यूनियन और ब्रिटेन जाने वाले कार्गो के शिपिंग चार्ज बढ़ गए हैं। ऐसे में पश्चिमी देशों की जगह एशिया में ही माल भेजना ज्यादा किफायती हो गया है। ब्लूमबर्ग ने वोर्टेक्सा लिमिटेड के डेटा के हवाले से बताया- फरवरी के शुरुआती 2 हफ्तों में भारत से रोज करीब 18 हजार बैरल डीजल यूरोप पहुंचा। यह जनवरी में हुई औसत डिलीवरी से करीब 90 प्रतिशत कम है।