भारत को जोड़ने में संत नामदेव जी का योगदान - Aajbhaskar

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Wednesday, November 22, 2023

भारत को जोड़ने में संत नामदेव जी का योगदान


समरसता सेवा संगठन ने संत नामदेव जयंती की पूर्व संध्या पर किया विचार गोष्ठी एवँ सम्मान समारोह का आयोजन

आज भास्कर,जबलपुर:  हमारा भारत देश संत परंपरा का अनुनायी रहा है और संत शिरोमणि नामदेव जी ऐसे संत रहे है जिन्होंने पूरे भारत को भक्ति मार्ग के अपने उपदेशों, अभंगों और वाणी से जोड़ने का कार्य किया है यह बात राष्ट्रीय चिंतक, विचारक एवँ लेखक श्री प्रशांत पोल ने समरसता सेवा संगठन द्वारा संत नामदेव जी की जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए आईएमए भवन राइट टाउन में कही।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री प्रशान्त पोल ने गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा समरसता सेवा संगठन को साधुवाद देना चाहता हूं जो समसरता के भाव को लेकर देश के संतों, महापुरुषों और आराध्य जनो के संदेश और उपदेश को सर्व वर्ग तक पहुँचाने के लिए इस तरह के आयोजनों को लगातार कर रहे है।

उन्होंने कहा पूरे विश्व मे जहां जहां इस्लामी आक्रांता गए उन देशों को इस्लामिक देश बनाया दिया गया और विश्व के 57 देश आज इस्लामिक देश बन गए है इसी तरह जहाँ जहाँ ईसाई मिशनरी गए उन्होंने वहाँ क्रिश्चियन देश बनाने का प्रयास किया। हमारे भारत मे डच, पुर्तगाली, फ़्रांसिसी, मुगल और अंग्रेजों ने आकर शासन किया लेकिन दुनिया का एकमात्र देश भारत है जो अपनी पुरातन संस्कृति और सभ्यता को बचा के रख सका है और यह सब सम्भव हुआ है हमारे संतो की वजह से जिन्होंने देश को जोड़ने के लिए कार्य किया।


उन्होंने कहा संत नामदेव जी संतो में अलग स्थान रखते थे उनका जन्म महाराष्ट्र में हुआ प्रभु विठ्ठल की सेवा और भक्ति में इतने लीन हुए की 72 बार उन्हें परमात्मा के दर्शन हुए और अपने भक्ति और सेवा के उद्देश्य को आगे लेकर उन्होंने संत ज्ञानेश्वर के साथ भारत भ्रमण किया और अपने अंतिम समय तक पंजाब में रहे। पंजाब में रहकर वहाँ की भाषा, संस्कृति को समझा और उनकी वाणी और अभंग को गुरुग्रंथ साहिब में स्थान दिया गया है। जन्म महाराष्ट्र में कर्मभूमि पंजाब में और अनुयायी दक्षिण भारत मे इस तरह पूरे देश को एक करने और लोगो को धर्म के मार्ग में जागृत करने में उनका अहम योगदान था।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री इंन्द्रमोहन भाटिया ने कहा मैं समरसता सेवा संगठन के साथियो को बधाई देता हूँ जिन्होंने इस तरह सभी समाजो को एक करने के लिए कार्य किया है।

उन्होंने कहा हमारे दसों गुरु समरसता के पक्षधर थे। गुरुग्रंथ साहिब के एक पिता के हम सब बालक के वाक्य को लेकर हमारे गुरुओं ने अपना संदेश दिया। गुरु गुरुनानक, गुरु अंगददेव, गुरु अर्जुनदेव, गुरु तेगबहादुर, गुरु गोविंदसिंह सभी ने सभी को एक माना और संत नामदेव जी की वाणी को शबद के रूप में हमारे पूज्य गुरुग्रंथ साहिब में शामिल किया गया है।


उन्होंने कहा नामदेव समाज के लोगो को नमन करता हूँ जो संत नामदेव जी के अनुयायी है क्योंकि संत नामदेव उनके गुरु रूप थे और हम गुरुओं को सर्वोच्च मानते है।


संगठन के अध्यक्ष श्री संदीप जैन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा बड़ा ही सारगर्भित उद्बोधन हमे मिला। समरसता सेवा संगठन का मूल उद्देश्य भी यही है कि भारत के सनातन परंपरा को अक्षुण बनाये रखने के लिए योगदान देने वाले संतो, महापुरुषों आराध्यों के संदेश को जन जन तक पहुँचाया जाए। और उनके विचारों को लोगो तक ले जाकर समरस और समर्थ भारत के निर्माण की ओर बढ़े।


संगठन की ओर से श्री परमवीर सिंह ने संत नामदेव के जीवन वृत्त पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की प्रस्तावना संगठन के सचिव उज्ज्वल पचौरी ने रखी। कार्यक्रम का संचालन धीरज अग्रवाल एवँ आभार कमलेश नामदेव ने व्यक्त किया।


सम्मान - कार्यक्रम के दूसरे चरण में बलजीत सिंह, डॉ मनोज नामदेव, कुलदीप सिंह, इंजी दीपक नामदेव, हरमीत सिंह, बाबूलाल नामदेव, प्रीतम सिंह, ओंकार नामदेव, मनप्रीत सिंह, नरेंदर सिंह, रंजीत सिंह, उत्तम सिंह मीना नामदेव, छाया नामदेव अजय नामदेव, छायाकार केके नामदेव, आंनद नामदेव, राजेंद्र गौरीशंकर नामदेव, अवधबिहारी नामदेव, विनोद वैध, अखिलेश वैध, सुभाष नामदेव, मुन्नीलाल नामदेव, , पवन नामदेव, संदीप नामदेव का सम्मान किया गया।


इस अवसर पर समाजसेवी उदय परांजपे, विवेक चौधरी, शैलेश लोधी, डॉ सुनील मिश्रा, दिनेश राठौर, रवींद्रनाथ दुबे, अमरदीप गुप्ता, दीपक अग्रवाल, सिद्धार्थ शुक्ला, सत्यप्रकाश यादव, नितिन भाटिया, चंद्रशेखर शर्मा के साथ बड़ी संख्या में सामाजिक जन उपस्थित थे।

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